Lok Sabha Election 2024: BJP की ‘मोदी की गारंटी’ Vs कांग्रेस की ‘न्याय गारंटी’, क्या होंगे इस बार बड़े मुद्दे, जो लोकसभा चुनाव में रहेंगे हावी!
Lok Sabha Election 2024: निर्वाचन आयोग ने लोकसभा के चुनवी रण का शंखनाद कर दिया है. देश में 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव होंगे. वहीं 4 जून को नतीजे आएंगे. इसके बाद यह तय हो जाएगा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में लौटेंगे या कांग्रेस अपना 2004 का प्रदर्शन दोहराएगी. चुनावी सरगर्मी के बीच एक ओर भारतीय जनता पार्टी 10 सालों में सुशासन, तेज गति से विकास और भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण का दावा कर रही है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर लगातार हमलावर है. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में क्या ऐसे मुद्दे हैं जो हावी रहेंगे.
‘मोदी की गारंटी’
पीएम मोदी BJP की हैट्रिक के लिए पूरी तरह से आश्वस्त नजर आ रहे हैं. चुनावों के ऐलान से पहले ही पीएम ‘मोदी की गारंटी’ को अपने अभियान का मुख्य विषय बनाया है. नरेंद्र मोदी वेबसाइट पर भी ‘मोदी की गारंटी’ की जानकारी विस्तृत रूप में दी जा रही है. इसमें कहा गया है कि यह युवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और उन सभी हाशिये पर पड़े और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए एक गारंटी है जिन्हें दशकों से नजरअंदाज किया गया है.
‘न्याय गारंटी’
वहीं दूसरी ओर देश की सबसे पुरानी पार्टी ने हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में जीत के लिए इस्तेमाल किए गए फार्मूले को दोहरा रही है. इन राज्यों में कांग्रेस ने युवाओं, किसानों, महिलाओं, मजदूरों के लिए न्याय सुनिश्चित करने वाली 5 न्याय गारंटी को जनता के सामने रखा था. मणिपुर से मुंबई तक राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान भी इसी गारंटी पर जोर दिया गया है. वहीं आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणापत्र पर इसी पर आधारित होने की संभावना है.
बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा
कांग्रेस और पार्टी के अगुवाई वाले ‘INDI’ गठबंधन में शामिल विपक्षी पार्टियां बेरोजगारी और बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाती रही हैं. वहीं सरकारी नौकरियों की कमी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश की जा रही है. वहीं केंद्र की BJP सरकार ने रोजगार वृद्धि और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए विपक्ष पर हमलावर है.
आर्टिकल 370, CAA और UCC
अनुच्छेद 370, CAA और समान नागिरक संहिता BJP के एजेंडे में बहुत पहले से शामिल था. बीजेपी ने नागरिकता(संशोधन) अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करके अपने वादे को पूरा किया है. वहीं उत्तराखंड में UCC लागू कर अपने वादों को पूरा करने दावा कर रही है.इसके साथ ही अन्य BJP शासित राज्यों में इसे लागू करने की चर्चा तेज है. आम चुनाव में यह भी एक बड़ा मुद्दा होने वाला है.
राम मंदिर
साल 1980 से अयोध्या में राम मंदिर का मुद्दा BJP के मेनिफेस्टो में शामिल है. इस साल 22 जनवरी को राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह को बीजेपी ने जबरदस्त उत्साह के साथ मनाया. इस समारोह में पीएम मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ यूपी के सीएस योगी आदित्यनाथ का प्रतीकवाद देखने को मिला. BJP नेताओं ने सदियों पुराने सपने को साकार करने का श्रेय पीएम मोदी को दे रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि BJP को 370 सीटें मिलने का ज्यादातर भरोसा इसी ‘राम मंदिर’ पर आधारित है.
इलेक्टोरल बॉन्ड
हाल में इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा गरमा गया है. सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद एसबीआई की ओर से मिले डेटा को चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है. आम चुनाव से ठीक पहले इस मुद्दे के सामने आते ही विपक्ष ने इसे लपक लिया है. कांग्रेस सहित अन्य दल इसे लेकर BJP पर लगातार हमलावर हैं. कांग्रेस के नेता इलेक्टोरल बॉन्ड में कथित भ्रष्टाचार के लिए BJP के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं. वहीं बैंक खातों को फ्रीज करने की मांग भी रखी है. विपक्ष की ओर से यह मुद्दा कितना कारगर होगा यह देखने वाली बात होगी.
आजादी का ‘अमृत काल’
पीएम मोदी लगातार मंच से ‘अमृत काल’ को लेकर विपक्ष पर तंज कस रहे हैं. पार्टी दावा कर रही है कि मोदी सरकार ने सुशासन, तेज गति से विकास और भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण पर तेजी से काम कर रही है. वहीं साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का भी आश्वासन दे रही है. ऐसे में कांग्रेस मोदी के सरकार के 10 सालों के कार्यकाल को बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें, संस्थानों पर कब्जा, संविधान पर हमला और बढ़ती आर्थिक असमानताओं वाला बता रही है.
किसानों के लिए MSP की गारंटी
आगामी आम चुनाव में दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन की चर्चा भी इन मुद्दों में हावी रह सकती है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि सरकार ने देश के किसानों के साथ विश्वासघात किया है. वहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए राहुल गांधी ने चुनावी मैदान में किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का वादा कर दिया है. दूसरी ओर BJP नेता किसान नेताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए उनसे बातचीत कर रहे हैं और वह आरोप भी लगाते रहे हैं कि कई आंदोलनकारी राजनीति से प्रेरित हैं.