सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) को देशभर के 600 वकीलों ने पत्र लिखा है. अब इसको लेकर पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. पीएम मोदी ने कहा, “दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है. करीब 50 साल पहले कांग्रेस ने बेशर्मी से अपने स्वार्थों को दुनिया के सामने रखा था.” पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश के प्रति किसी भी तरह से प्रतिबद्ध होना नहीं चाहती.
पीएम मोदी ने वकीलों के पत्र को X पर रिपोस्ट करते हुए लिखा, “पांच दशक पहले ही कांग्रेस पार्टी ने ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ का आह्वान किया था. वे (कांग्रेस) बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता तो चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचती है. अब कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.”
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" – they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
चिट्ठी लिखने वालों में हरीश साल्वे भी शामिल
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा सहित 600 से अधिक वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि एक “निहित स्वार्थ समूह” न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. देशभर के वकीलों ने 26 मार्च को अपने पत्र में कहा, “ये रणनीति हमारी अदालतों के लिए हानिकारक हैं और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को खतरे में डालती हैं.” वकीलों ने कहा कि इस “कठिन समय” में सीजेआई चंद्रचूड़ का नेतृत्व महत्वपूर्ण है और शीर्ष अदालत को मजबूत खड़ा होना चाहिए, उन्होंने कहा कि यह सम्मानजनक चुप्पी बनाए रखने का समय नहीं है.