Jharkhand Politics: झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की ओर से हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन ने राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के पद पर शपथ ली. हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड में उठा सियासी बवंडर चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद से शांत होने लगा था, लेकिन शपथ लेने के बाद झारखंड के हालिया घटनाक्रमों पर गौर करें तो नए मुख्यमंत्री के सामने सदन में बहुमत साबित करने से लेकर गठबंधन को एक सूत्र में पिरोकर रखने जैसी कई चुनौतियां हैं.
10 दिनों के अंदर सदन में फ्लोर टेस्ट
झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. उनके साथ 2 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. उनके साथ शपथ लेने वालों में कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता का नाम शामिल है. झारखंड के कोल्हान क्षेत्र से आने वाले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को 10 दिनों के अंदर सदन में बहुमत साबित करना है.
पांच फरवरी को होगा राज्यपाल का संबोधन
बताते चलें कि झारखंड विधानसभा में पांच फरवरी को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का संबोधन होगा. इसके बाद चंपई सोरेन को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना होगा. इससे पहले मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने राज्यपाल के सामने 47 विधायकों के साथ होने का दावा किया था। साथ ही 43 विधायकों की ओर से साइन किया हुआ समर्थन पत्र भी सौंप दिया है। इसी दौरान राज्यपाल ने उन्हें मनोनीत सीएम नियुक्त कर 10 दिनों के अंदर बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। बता दें कि उधर झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने भी अपने साथ 49 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। लेकिन इससे नवनियुक्त मुख्यमंत्री की चुनौतियां कम नहीं होने वाली हैं.
एक नहीं कई नई चुनौतियां हैं सामने
नवनियुक्त मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती है, महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार को चलाना. इसके साथ ही मंत्रिपरिषद के गठन में महागठबंधन में शामिल दलों को साधना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. चंपई सोरेन के लिए हेमंत सोरेन के परिवार को नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेने के जेल में जाने से पार्टी के साथ समन्वय बनाना भी उनके लिए बड़ी चुनौती है.
फ्लोर टेस्ट के लिए कौन सा विधायक कहां है मौजूद?
झारखंड में बहुमत साबित करने के लिए विधायकों का साथ होना भी जरूरी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार महागठबंधन के 36 विधायक हैदराबाद पहुंच चुके हैं. वहीं हेमंत सोरेन अभी ईडी की रिमांड पर हैं. अन्य तीन विधायक चमरा लिंडा, सुखराम उरांव और लोबिन क्षेत्र में ही मौजूद हैं. इसके साथ ही विधायक बसंत सोरेन, सीता सोरेन, प्रदीप यादव, विनोद सिंह रांची में रुके हुए हैं. दिल्ली में विधायक गॉलस्टिन इलाजरत हैं, जिनकी भी गिनती फ्लोर टेस्ट के दौरान होगी.