Karnataka News: कर्नाटक सरकार ने आरक्षण का लाभ देने के लिए राज्य के मुसलमानों को पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की कैटेगरी में शामिल किया है. प्रेस रिलीज जारी करते हुए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इसकी जानकारी दी. NCBC ने बुधवार (24 अप्रैल) को कर्नाटक सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कहा कि कर्नाटक सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक के मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है.
श्रेणी II-बी के तहत, कर्नाटक राज्य के सभी मुसलमानों को ओबीसी माना गया है. आयोग ने कहा कि श्रेणी-1 में 17 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी माना गया है. वहीं श्रेणी-2ए में 19 मुस्लिम समुदायों को ओबीसी मानते हुए लिस्ट में शामिल किया गया है. अब इन सभी जातियों को राज्य सरकार के रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण का लाभ मिलेगा.
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कर्नाटक में 12.92 प्रतिशत है मुस्लिम आबादी
एनसीबीसी के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर के मुताबिक, “कर्नाटक सरकार के नियंत्रणाधीन नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण के लिए कर्नाटक के सभी मुस्लिम धर्मावलंबियों को ओबीसी की राज्य सूची में शामिल किया गया है. कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को लिखित रूप से अवगत कराया है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति हैं और न धर्म. कर्नाटक राज्य में मुस्लिम आबादी 12.92 प्रतिशत है. कर्नाटक में मुस्लिमों को धार्मिक अल्पसंख्यक माना जाता है. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, कर्नाटक राज्य में मुस्लिम की जनसंख्या 12.32 प्रतिशत है.”
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
इन मुस्लिम समुदायों को कैटगरी-1 में ओबीसी माना गया
जिन 17 मुस्लिम समुदायों को श्रेणी 1 में ओबीसी माना गया उनमें नदाफ, पिंजर, दरवेश, छप्परबंद, कसाब, फुलमाली (मुस्लिम), नालबंद, कसाई, अथारी, शिक्कालिगारा, सिक्कालिगर, सालाबंद, लदाफ, थिकानगर, बाजीगारा, जोहारी और पिंजारी शामिल हैं.
एनसीबीसी ने की सरकार की आलोचना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एनसीबीसी ने आरक्षण उद्देश्यों के लिए मुस्लिम समुदाय को पिछड़ी जाति के रूप में वर्गीकृत करने के कांग्रेस सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि इसने “सामाजिक न्याय के सिद्धांत” को कमजोर कर दिया है. आयोग ने कहा कि इस कदम से राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की हानि हुई है.