Lok Sabha Election 2024: अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उनका दावा है कि 2019 में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन एनसीपी चीफ शरद पवार ने उन दोनों नेताओं को उद्धव ठाकरे का समर्थन करने के लिए मनाया था.
एक निजी चैनल के साथ इंटरव्यू में प्रफुल्ल पटेल ने दावा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सुबह-सुबह बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली थी. तब शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार को डिप्टी सीएम पद के लिए समर्थन देने का वादा किया था. लेकिन फिर अजित पवार ने 80 घंटे में ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
शरद पवार ने कांग्रेस को किया था राजी
इसके बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने मिलकर बनाई थी. जब एनसीपी और शिवसेना ने साथ मिलकर सरकार बनाई थी तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी इसके खिलाफ थे क्योंकि उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व वाली विचारधारा बीजेपी के तुलना में अधिक थी. तब शरद पवार आगे आए और उन्हें राजी किया फिर जाकर सरकार बनी थी.
गौरतलब है कि प्रफुल्ल पटेल इस वक्त अजित पवार के गुट में हैं. यह गुट अभी एनडीए का हिस्सा है और अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम हैं. प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया कि 2014, 2017 और 2019 के चुनाव के बाद अविभाजित एनसीपी ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश की थी. लेकिन बीजेपी के साथ एनसीपी की बात नहीं बन पाई थी.
उन्होंने दावा किया कि फडणवीस और अजित पवार को पहले शरथ पवार ने समर्थन दिया था. लेकिन बात में वह पीछे हट गए थे. मैं खुद इस तथ्य का गवाह हूं कि शरद पवार ने पहले सहमति जताई थी.