Maharashtra Assembly Election: केंद्र सरकार के फैसले के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है. शिंदे कैबिनेट ने रविवार को हुई बैठक में UPS को हरी झंडी दे दी है. राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने इसी साल यानी मार्च 2024 से ही UPS को लागू करने का फैसला किया है. सरकार के इस फैसले से लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार UPS को लागू करने वाला पहला राज्य भी बन गया है.
शिंदे सरकार ने लिए कई बड़े फैसले
महाराष्ट्र में हुई कैबिनेट मीटिंग में UPS के साथ-साथ कई बड़े फैसले लिए गए. इसमें 7.15 करोड़ रुपये की नार-पार-गिरणा नदी जोड़ो परियोजना को मंजूरी, किसानों को दिन में निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना, सहकारी चीनी मिलों को सरकारी गारंटी के तहत ऋण चुकाना शामिल है. सरकार ने राज्य के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक निगम स्थापित करने का भी फैसला किया है. इस फैसले से राज्य के करीब 50 लाख वरिष्ठ नागरिकों को फायदा होगा.
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना को मंजूरी
एक दिन पहले शनिवार को मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली यूपीएस को मंजूरी दी. केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि कम से कम 25 साल की सेवा के बाद कर्मचारियों को मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन दिया जाएगा. इसके अलावा, जिन कर्मचारियों ने 10 साल से कम समय तक काम किया है, उन्हें 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी.
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UPS और NPS में क्या अंतर है?
UPS के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को फिक्स पेंशन मिलेगी. कर्मचारियों को 25 साल की सेवा के बाद सुनिश्चित पेंशन और एकमुश्त राशि मिलेगी. महंगाई दर के अनुसार पेंशन में वृद्धि होगी. 10 साल की सेवा के बाद 10,000 रुपये की न्यूनतम पेंशन की गारंटी है. NPS में पेंशन की राशि बाजार के रिटर्न पर आधारित होती है, जो समय के साथ बदलती रहती है. इसमें कोई फिक्स पेंशन की गारंटी नहीं है. NPS 2004 में शुरू किया गया था और 2009 में इसे प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोल दिया गया था.