Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद महा विकास अघाड़ी के घटक दल लगातार मांग रहे हैं कि ईवीएम की जगह बैलेट वोटिंग कराई जाए. उनका कहना है कि भाजपा नीत महायुति गठबंधन को इतना बड़ा बहुमत नहीं मिल सकता है. वहीं ईवीएम में गड़बड़ी का मामला महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान भी तूल पकड़ता नजर आया है. पहले दिन शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों ने शपथ लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने ईवीएम पर शक जताते हुए शपथ लेने से इनकार कर दिया. इस बीच, संजय राउत के विधायक भाई सुनील राउत ने भी इसी मुद्दे को लेकर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी है.
सुनील राउत ने विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किए गए ईवीएम द्वारा जारी हुए नतीजों पर एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर बैलेट पेपर से फिर चुनाव कराए जाएं तो वह अपनी विधायकी से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं.
संजय राउत के भाई ने इस्तीफे की पेशकश की
विक्रोली से विधायक सुनील राउत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट कर अपने चुनावी जीत पर भी सवाल खड़े किए हैं. सुनील राउत ने लिखा कि कि महाराष्ट्र के नतीजे हैरान करने वाले हैं. उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 40,000 से 50,000 वोटों के अंतर से जीतना चाहिए था, लेकिन यह अंतर केवल 16 हजार वोटों का रहा. विधायक ने मांग की और कहा कि अगर बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाएं तो वह इस्तीफा देने को तैयार हैं. उनके पोस्ट के साथ पोस्टर पर लिखा था, “अब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाने दो.”
ईवीएम के मुद्दे पर घमासान
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजे पर लगातार सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. कांग्रेस, शरद पवार वाली एनसीपी और उद्धव वाली शिवसेना सवाल उठा रही है कि ईवीएम में गड़बड़ी के बिना ऐसे नतीजे नहीं आ सकते हैं. शरद पवार समेत एमवीए के कई नेताओं का दावा है कि जनता का कह रही है कि महायुति को वोट नहीं किया तो ऐसे में उनकी सरकार को इतना बड़ा बहुमत कैसे मिल सकता है. एमवीए मांग कर रहा है कि दोबारा बैलेट से मतदान कराया जाए.
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शरद पवार ने साधा निशाना
एनसीपी (शरद पवार) गुट के प्रमुख शरद पवार ने ईवीएम के मुद्दे पर कहा है कि अमेरिका, इंग्लैंड और कई अन्य यूरोपीय देशों में ईवीएम से नहीं बल्कि मतपत्रों से चुनाव करवाए जाते हैं. ऐसे में हम मतपत्र से चुनाव क्यों नहीं करवा सकते हैं? शरद पवार ने कहा कि यहां आने से पहले मैंने सुना था कि यहां के लोग मतपत्रों से चुनाव करवाना चाहते थे क्योंकि वो नतीजों से आश्वस्त नहीं थे, इसलिए उनपर मामला भी दर्ज किया गया. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को चुनाव आयोग के सामने उठाएंगे.
इसको लेकर एमवीए को इंडी गठबंधन के अन्य दलों का भी साथ मिला है. यूपी में अखिलेश यादव भी ईवीएम के खिलाफ आवाज उठा चुके हैं. वहीं बिहार में तेजस्वी यादव की भी मांग है कि ईवीएम के स्थान पर बैलेट से चुनाव होना चाहिए.