Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है. ‘एकला चलो’ की राह पर आगे बढ़ते हुए सीएम ममता बनर्जी ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरेगी. ममता बनर्जी के इस ऐलान से ‘इंडिया’ गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठने लगे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी कोई चर्चा नहीं हुई. मैंने हमेशा कहा है कि बंगाल में हम अकेले लड़ेंगे. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि देश में क्या किया जाएगा, लेकिन हम एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी हैं और बंगाल में हैं. हम अकेले ही भाजपा को हरा देंगे. मैं INDIA गठबंधन का हिस्सा हूं. राहुल गांधी की न्याय यात्रा हमारे राज्य से गुजर रही है लेकिन हमें इसके बारे में सूचित नहीं किया गया है.”
#Breaking | लोकसभा चुनाव से पहले INDIA गठबंधन को लगा बड़ा झटका. ममता बनर्जी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का किया ऐलान.#MamataBanerjee #INDIAAlliance #LoksabhaElections2024 #VistaarNews @MamataOfficial pic.twitter.com/qy6ojdZ86T
— Vistaar News (@VistaarNews) January 24, 2024
कांग्रेस के रवैए से नाराज ममता (Lok Sabha Election 2024)
ममता बनर्जी के इस बयान में साफ नजर आ रहा था कि वे कांग्रेस के रवैए से नाराज हैं. कांग्रेस को लेकर उनकी तल्खी कोई नई नहीं हैं. गोवा चुनाव से लेकर इंडिया गठबंधन में नेतृत्व के सवाल तक पर… ममता बनर्जी हमेशा कांग्रेस के सुझावों को दरकिनार करती रही हैं. विपक्षी दलों की मीटिंग से भी वह अक्सर नदारद रही हैं. वहीं इंडिया गठबंधन के अस्तित्व में आने के बाद अभी तक सीट शेयरिंग पर फैसला भी नहीं हो पाया है और खुद टीएमसी बंगाल में कांग्रेस को दो सीटों से अधिक देने को तैयार नहीं है. इन सभी उठापटक के बीच, अब ममता बनर्जी के ‘एकला चलो’ के नारे के बाद इंडिया गठबंधन के भविष्य पर संकट के बादल गहरे होने लगे हैं.
अखिलेश ने यूपी में कांग्रेस को किनारे किया (Lok Sabha Election 2024)
ममता बनर्जी ही नहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी इंडिया अलायंस को झटका दे चुके हैं. अखिलेश पहले ही यूपी में रालोद के साथ गठबंधन का ऐलान कर चुके हैं. अखिलेश यादव विपक्षी गठबंधन से इतर, जयंत चौधरी के साथ सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय कर चुके हैं और ऐसे में कांग्रेस जितनी सीटों की मांग कर रही थी, उतनी सपा छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. कांग्रेस की कोशिश थी कि बसपा के साथ आने की स्थिति में सपा पर दबाव बनेगा लेकिन मायावती ने यहां भी कांग्रेस को निराश किया और इस तरह समाजवादी पार्टी को सीट शेयरिंग के मसले पर दबाव में लाने वाली कांग्रेस की पॉलिटिक्स काम नहीं आई.
नीतीश ने बिहार में दिया झटका (Lok Sabha Election 2024)
वहीं नीतीश कुमार के हालिए रवैए से भी कांग्रेस परेशान है. दरअसल, एक दिन पहले ही कांग्रेस ने दावा किया था कि बिहार में जब राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो न्याय यात्रा गुजरेगी, तब नीतीश कुमार राहुल गांधी का स्वागत करेंगे. लेकिन जदयू ने कांग्रेस के इस दावे को खारिज कर दिया है. जदयू नेता खालिद अनवर ने साफ कर दिया कि कांग्रेस की तरफ से इस यात्रा के लिए पार्टी को आधिकारिक न्योता नहीं मिला है. उन्होंने यहां तक कहा कि नीतीश कुमार से किसी कांग्रेस नेता की इस मुद्दे पर बात नहीं हुई है. ऐसे में राजनीतिक हलकों में इस बात की सुगबुगाहट तेज है कि कांग्रेस और जदयू के बीच भी सब ठीक-ठाक नहीं है.
कांग्रेस की राह नहीं आसान! (Lok Sabha Election 2024)
कुल मिलाकर देखा जाए तो यूपी-बिहार और बंगाल में झटका लगने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन से पार पाना इंडिया अलायंस और कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा. कांग्रेस ने हाल ही में हुए रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के न्योते को ठुकराते हुए अयोध्या जाने से इनकार कर दिया था. वहीं बीजेपी के तमाम नेता इस भव्य समारोह में बढ़-चढ़कर शिरकत करते नजर आए. खुद पीएम मोदी यजमान के तौर पर अनुष्ठान में बैठे थे. ऐसे में बीजेपी कांग्रेस के इस फैसले को भुनाने की कोशिश में जुटी हुई है.
दूसरी तरफ, कांग्रेस के लिए अपने सहयोगियों को मनाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. यूपी, बिहार, बंगाल के साथ ही दिल्ली-पंजाब में कांग्रेस की आम आदमी पार्टी के साथ भी सीट शेयरिंग के मुद्दे पर अभी बात बनी नहीं थी, कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने हरियाणा में भी तीन सीटों पर अपना दावा ठोक दिया है. देखना दिलचस्प होगा कि अब बदलते समीकरणों में इंडिया गठबंधन आगामी लोकसभा चुनावों में मोदी ब्रिगेड का मुकाबला कैसे करता है.