Kolkatta Doctor Case: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए भयानक रेप-मर्डर के विरोध में डॉक्टरों की हड़ताल ने शहर को ठप कर दिया है. इस मामले ने न केवल चिकित्सा समुदाय को बल्कि आम जनता को भी गहरा आहत किया है. इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताली डॉक्टरों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए समय निर्धारित किया था. यह बैठक गुरुवार 12 सितंबर को शाम 5 बजे नाबन्ना में होनी थी. हालांकि, डॉक्टर अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात का लाइव टेलीकास्ट करने की मांग की है.
जानकारी के मुताबिक, शाम 5 बजे से 7 बजे तक सीएम ममता खाली कुर्सी के सामने बैठकर डॉक्टरों का इंतजार करती रही, लेकिन कोई भी बातचीत के लिए नहीं आया. अब सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि मैं जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं. मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं. ममता ने भावुक होकर कहा कि मैं डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं ला सकी.
क्या है डॉक्टरों की शर्तें?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी शर्तों से पीछे नहीं हटेंगे. उनका कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई का लाइव प्रसारण संभव है, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक का लाइव टेलीकास्ट क्यों नहीं हो सकता? डॉक्टरों ने यह भी कहा कि बैठक में सिर्फ 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ही शामिल होगा.
ममता बनर्जी का रुख
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का स्वागत किया था. उन्होंने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से अपील की थी कि वे अपनी हड़ताल समाप्त करें और काम पर लौटें, क्योंकि आपातकालीन स्थिति में जैसे हार्ट अटैक आदि के मामलों में समय पर इलाज बहुत महत्वपूर्ण होता है. ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के प्रतिनिधि उनसे मिलेंगे, तो वह बातचीत के लिए तैयार हैं. सीएम ममता ने जूनियर डॉक्टरों को मेल भी भेजा था, पहले तो मेल के जवाब में डॉक्टरों ने मिलने से इनकार कर दिया था, लेकिन बाद में मान गए. हालांकि, आज जब नबन्ना में सीएम ममता बनर्जी बैठक के लिए इंतजार कर रही थीं, तो जूनियर डॉक्टरों की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा.
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बीजेपी का आरोप
इस बीच, बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा है कि उन्होंने कोलकाता के रेप-मर्डर केस में दोषियों को बचाने की कोशिश की है. बीजेपी के नेताओं ने ममता बनर्जी से आग्रह किया है कि वे इस मामले की पूरी जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें. बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी को इस गंभीर अपराध के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की हड़ताल ने अस्पतालों की स्थिति को दयनीय बना दिया है. मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे स्थिति और भी विकट हो गई है. डॉक्टरों के विरोध के चलते सरकारी और निजी अस्पतालों की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, और यह मामला अब केवल चिकित्सा समुदाय तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरे राज्य की राजनीति और समाज पर भी असर डाल रहा है. यह देखना यह होगा कि ममता बनर्जी की सरकार और हड़ताली डॉक्टरों के बीच बैठक होती भी है या नहीं. क्या डॉक्टर अपनी शर्तों को मानते हैं, या हड़ताल जारी रहती है?