West Bengal News: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विशेष सत्र के दूसरे दिन मंगलवार (3 सितंबर) के ममता सरकार में कानून मंत्री मोलॉय घटक ने एंटी रेप बिल पेश किया. इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 नाम दिया है. बिल में दोषी को 10 दिन में मौत की सजा देने और मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने का प्रावधान है. बिल पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिन विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है.
विधानसभा में ये बिल पेश होने के बाद आज पास भी हो गया. भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने रविवार को कहा कि हमने फैसला किया है कि ममता बनर्जी के इस विधेयक का समर्थन करेंगे. बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर के बाद से ही डॉक्टर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस घटना के बाद ही ममता सरकार एंटी रेप बिल लाई है.
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हम तत्काल कानून चाहते हैं- सुवेंधु अधिकारी
बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हम कानून को तत्काल लागू करना चाहते हैं, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. हम परिणाम चाहते हैं, कोई बंटवारा नहीं. हम पूरा समर्थन करते हैं. मुख्यमंत्री को जो कहना है कह सकती हैं लेकिन गारंटी देनी होगी कि यह बिल तुरंत लागू होगा. वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हमने केंद्रीय कानून में मौजूद खामियों को दूर करने की कोशिश की है. विपक्ष को राज्यपाल से विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए कहना चाहिए, उसके बाद इसे अधिनियमित करना हमारी जिम्मेदारी है.
हमें सीबीआई से न्याय चाहिए- ममता बनर्जी
एंटी रेप बिल पर चर्चा करते समय ममता बनर्जी ने कहा कि मैं इस ऐतिहासिक बिल का समर्थन करती हूं. हमें सीबीआई से न्याय चाहिए. बनर्जी ने कहा कि जब आरजी कर की घटना हुई. उस वक्त मैं झारग्राम में थी. मैंने 12 अगस्त को पीड़ित परिवार से बात की थी. मैंने उन्हें न्याय मिलने का आश्वासन दिया था. हमने केस फास्ट ट्रैक करने की कोशिश की थी. लेकिन कोर्ट ने ये केस सीबीआई को सौंप दिया. अब हमें सीबीआई से न्याय चाहिए. हम रेप के दोषियों के लिए मौत की सजा चाहते हैं. विपक्ष के नेता हमें संशोधन के लिए कह रहे हैं. लेकिन मैं कहना चाहती हूं कि राज्यपाल इस बिल पर साइन करें.