‘मणिपुर शांति की राह देख रहा’, RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, बोले- कलह उपजा या उपजाया गया?

मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है.

RSS प्रमुख मोहन भागवत

Mohan Bhagwat News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत का लंबे समय बाद कोई बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है. दरअसल, भागवत सोमवार को कार्यकर्ता विकास वर्ग-द्वितीय के समापन समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान आरएसएस प्रमुख ने विभिन्न मुद्दों पर अपना पक्षा रखा. उन्होंने कहा कि एक सच्चे सेवक में अहंकार नहीं होता और वह दूसरों को नुकसान पहुंचाए बिना काम करता है.

‘त्राहि-त्राहि कर रहा है’

मोहन भागवत ने कहा, “एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है. इससे पहले 10 साल शांत रहा. पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा. लेकिन अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है. इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है.”

‘मर्यादा का ख्याल नहीं रखा गया’

आरएसएस प्रमुख ने चुनाव के दौरान प्रचार-प्रसार का जिक्र करते हुए कहा कि मर्यादा का ख्याल नहीं रखा गया. उन्होंने कहा, “जिस तरह की बातें कही गईं, जिस तरह से दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. किसी को इस बात की परवाह नहीं थी कि जो कुछ किया जा रहा है, उसके कारण सामाजिक विभाजन पैदा हो रहा है.”

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मोहन भागवत ने कहा कि चुनावों को युद्ध के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है. सहचित्त संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने आए इसलिए ऐसी व्यवस्था है. चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं. विरोधी की जगह प्रतिपक्ष कहना चाहिए. चुनाव के आवेश से मुक्त होकर देश के सामने उपस्थित समस्याओं पर विचार करना होगा.”

‘जो वास्तविक सेवक है…’

मोहन भागवत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “जो वास्तविक सेवक है, जिसको वास्तविक सेवा कहा जा सकता है वो मर्यादा से चलती है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिप्त नहीं होता, उसमें अहंकार नहीं आता कि ये मैंने किया है और वही सेवक कहलाने का अधिकारी भी रहता है.”

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