Manmohan Singh: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अब अपने 33 सालों के सियासी सफर को अलविदा कह दिया है. वह कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान 2004 से लेकर 2014 तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे. वह कांग्रेस के नेता के तौर पर पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद सबसे ज्यादा वक्त तक पीएम रहे हैं. लेकिन राजनीति में आने से पहले वह अर्थशास्त्री रह चुके हैं.
डॉ. मनमोहन सिंह को राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व पीएम नरसिंहा राव को दिया जाता है. जब नरसिंहा राव 1991 में प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने एक ऐसे चेहरे की तालाश की जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य हो और वित्त मंत्री के तौर पर काम कर सके क्योंकि उस वक्त भारत मंदी के दौर से गुजर रहा था. तब रिजर्व बैंक के गर्वनर रहे चुके डॉ. मनमोहन सिंह का नाम सामने आया और उनकी राजनीति में एंट्री हुई थी.
RBI के गर्वनर के तौर पर किया काम
हालांकि डॉ. मनमोहन सिंह ने रिजर्व बैंक के गर्वनर के तौर पर सितंबर 1982 से जनवरी 1985 तक काम किया था. इसके अलावा वह वित्त मंत्रालय में सचिव भी रह चुके थे. उन्होंने भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर भी काम किया था. राजनीति में एंट्री के बाद उन्हें 1991 में वित्त मंत्री बनाया गया और कांग्रेस से बतौर राज्य सभा सदस्य चुने गए.
मनमोहन सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर रहे चुके हैं. उन्हें 1966 से 1969 के दौरान संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए आर्थिक मामलों के अधिकारी के तौर पर चुना गया था. जबकि इसके बाद 1971 में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर चुना गया था. इसके बाद वह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे.
इन पदों पर रह चुके हैं पूर्व पीएम
1985 में रिजर्व बैंक के गवर्नर का कार्यकाल खत्म होने के बाद वह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के तौर पर काम करते रहे. पहली बार उन्हें असम से राज्यसभा का सदस्य चुना गया था. इसके बाद वह 1995, 2001, 2007 और 2013 में राज्यसभा के सदस्य चुने गए. इसके अलावा जब केंद्र में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी तो वह विपक्ष के नेता की भूमिका में रहे.
मनमोहन सिंह को भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण 1987 में दिया गया था. 1993 और 1994 में उन्हें सर्वेश्रेष्ठ वित्तमंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड मिला था. जबकि 1993 में सर्वेश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं. बता दें कि मनमोहन के परिवार में पत्नी गुरशरण कौर के अलावा तीन बेटियां हैं.