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NEET Controversy: ‘अगर 0.001% भी लापरवाही है…’, SC का NTA और केंद्र को नोटिस, AAP बोली- करोड़ों मां-बाप चिंता में हैं

NEET Controversy

सुप्रीम कोर्ट

NEET Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी पेपर 2024 में कथित धांधली से संबंधित याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए. याचिकाओं पर शीर्ष न्यायालय ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं अब 8 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

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अधिवक्ता दिनेश जोतवानी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और एनटीए से कहा कि इसे विरोधात्मक कार्यवाही न बनाएं, अगर पेपर आयोजित करने में कोई गलती हुई है, तो उसे स्वीकार करें और उसमें सुधार करें. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्चों ने पेपर की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते.

‘करोड़ों मां-बाप चिंता में हैं…’

उधर, दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि करीब 24 लाख बच्चों के भविष्य का सवाल है. उन्होंने कहा, “करोड़ों मां-बाप चिंता में हैं कि अगर इतनी प्रतिष्ठित और विश्वसनीय मेडिकल की परीक्षा में धांधली होगी तो देश का भविष्य क्या होगा. अगर 50 लाख रुपए देकर प्रश्नपत्र ही मिल जाता है तो उनके बच्चे मेहनत क्यों करेंगे? हमारी मांग है कि सरकार इस मामले में फैसला ले और इस ओर ठोस कदम उठाए जाएं.”

जानें पूरा विवाद

नीट यूजी रिजल्ट आने के बाद मेडिकल स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर गए हैं. इतिहास में पहली बार 67 अभ्यर्थियों को फुल मार्क्स मिले हैं. साथ ही एक एग्जाम सेंटर से कई टॉपर निकले हैं. छात्रों ने धांधली का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठाए हैं. जैसे, इस बार ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक पर 67 अभ्यर्थी रहे. पहली रैंक पर इतनी बड़ी संख्या में छात्र कैसे आ गए? 720 में से 718, 719 नंबर कैसे दिए गए? क्योंकि अगर छात्र सारे सवाल सही करता तो 720 नंबर मिलते. वहीं, एक भी गलत होता तो माइनस मार्किंग के कारण अधिकतम 715 नंबर मिलते और एक सवाल छोड़ देता तो 716 अंक मिलते. उधर, एनटीए ने अनियमितता के आरोप को नकारते हुए पहले कहा था कि एग्जाम सेंटर में समय जाया होने के लिए दिए गए ग्रेस नंबर अधिक अंक आने का कारण है. हालांकि बाद में एनटीए ने उन अभ्यर्थियों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए, जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए थे.

बता दें कि इन सभी छात्रों के पास अब दोबारा परीक्षा देने का विकल्प होगा, लेकिन ये अनिवार्य नहीं है. जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें बिना ग्रेस मार्क्स के उनके ओरिजनल मार्क्स दिए जाएंगे.

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