देश में अब कानून अंधा नहीं कहा जाएगा, क्योंकि न्याय की देवी की आंखों से पट्टी हट गई है. देश के सर्वोच्च न्यायलय में कानून की देवी के आंखों से काली पट्टी हटा दी गई है. वहीं उनकी हाथ में तलवार की जगह संविधान ने ले ली है. बुधवार को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट में बदलाव करते हुए न्याय की देवी की आंखों की पट्टी हटा दी गई है और इसके साथ ही उनके हाथ से तलवार भी हटा दी गई है.
अब ऐसी दिखेंगे न्याय की देवी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट में किया गया यह बदलाव खुली आंखों से न्याय करने का संदेश देने वाला है. यह बदलाव सुप्रीम कोर्ट की जजेस लाइब्रेरी में लगी न्याय की देवी की प्रतिमा में किया गया है। जजेस लाइब्रेरी में न्याय की देवी की एक बड़ी और नई प्रतिमा बुधवार को लगाई गई. जिसकी आंखों से पट्टी हटा दी गई है। इसके अलावा नई प्रतिमा के हाथ से तलवार भी हटा दिया गया है।
New Delhi: CJI Chandrachud Orders Changes to Supreme Court’s Justice Statue
Chief Justice of India, D.Y. Chandrachud, has directed changes to the statue of the Goddess of Justice at the Supreme Court. The statue’s traditional blindfold has been removed, symbolizing transparent… pic.twitter.com/XBePehNg7k
— IANS (@ians_india) October 16, 2024
अब न्याय की देवी के एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में संविधान की किताब है। इसके अलावा एक और बड़ा बदलाव हुआ है दशहरे की छुट्टियों में सुप्रीम कोर्ट के सामने तिलक मार्ग पर एक बड़ी वीडियो वॉल लग गई है जिसमें हर समय सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस क्लॉक चलती है जिससे अब सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की रियल टाइम जानकारी जानी जा सकती है।
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पुरानी मूर्ति का मतलब
न्याय की देवी की जो पुरानी मूर्ति थी उसकी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी। उस मूर्ति के एक हाथ में तराजू और दूसरे हाथ में तलवार थी। जिससे यह संदेश जाता था कि कानून किसी के पद प्रतिष्ठा और दौलत को नहीं देखता।