NEET UG: नीट यूजी परीक्षा पर मंगलवार सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि परीक्षा दोबारा आयोजित नहीं की जाएगी. चीफ जस्टिस की बेंच ने फैसला सुनाते हुए यह भी कहा कि इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था. अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘सत्य की जीत’ हुई है.
शिक्षा मंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद मैं कहना चाहूंगा “सत्यमेव जयते. जब NEET का मामला सामने आया तो आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की भूमिका स्पष्ट हो गई. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कल तक जो रवैया अपनाया था, जिसमें देश की परीक्षा प्रणाली को अमान्य बताया और इसे “बकवास” कहा, वह उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है.”
धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
प्रधान ने कहा, “राहुल गांधी ने भारत की आलोचना की है. देश के छात्रों को गुमराह करना, भ्रम पैदा करना और उन्हें सामाजिक तनाव के लिए उकसाना, ये सब उनकी राजनीति का सुनियोजित हिस्सा था. देश में चुनावी नतीजों को खारिज करके अराजकता और नागरिक अशांति उनकी रणनीति का हिस्सा बन गई है.”
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा, “मैं उनसे और विपक्ष के सभी लोगों से अपील करता हूं जो इस तरह की गैरजिम्मेदाराना हरकतों में शामिल थे – उन्हें देश के छात्रों, युवाओं और अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए…आपने देश को चोट पहुंचाई है, देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश की है, देश में नागरिक अशांति की साजिश रची है. देश आपको माफ नहीं करेगा. राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अलग-अलग हो सकती है, लेकिन छात्र सभी के हैं.”
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सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए कहा, “वर्तमान चरण में, रिकॉर्ड पर ऐसी कोई सामग्री नहीं है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि परीक्षा का परिणाम दूषित है या परीक्षा की पवित्रता का व्यवस्थित उल्लंघन हुआ है.”
सोमवार को नीट मुद्दे पर प्रधान और राहुल गांधी के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था. लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा था कि प्रधान ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है. राहुल गांधी ने कहा था, “मुझे नहीं लगता कि वह यहां जो कुछ हो रहा है उसके मूल सिद्धांतों को समझते हैं. मुद्दा यह है कि इस देश में लाखों छात्र इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और कौन आश्वस्त है कि भारतीय परीक्षा प्रणाली एक धोखाधड़ी है.”