Patanjali Case: योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित सुनवाई में भाग लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. हालांकि इन दोनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का बुधवार को भी कड़ा रूख जारी रहा. कोर्ट ने बाबा रामदेव का माफीनामा ठुकरा दिया है.
पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष योग गुरु बाबा रामदेव का हलफनामा पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह विज्ञापन के मुद्दे पर बिना शर्त माफी मांगते हैं. लेकिन कोर्ट ने यह माफीनामा स्वीकार नहीं किया और इस ठुकरा दिया.
अदालत से सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने बिना शर्त माफी मांग ली. लेकिन सुनवाई के दौरान जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, ‘ये हलफनामा हमारे सामने आने से पहले मीडिया में पब्लिश हो चुका है. इसके प्रचार के लिए आपने दाखिल किया था या माफीनामे के लिए?’
कोर्ट ने जताया एतराज
दूसरी ओर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘आपके द्वारा 6 अप्रैल में हलफनामा दाखिल किया गया था. शायद इसे जजों के सामने नहीं रखा गया.’ उन्होंने इस हफनामे का कुछ हिस्सा पढ़ते हुए कहा बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण माफी मांग रहे हैं. लेकिन कोर्ट ने उनके इस हलफनामे पर एतराज जताया है.
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जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा, ‘इस मामले में कोर्ट से झूठ बोला गया.’ जबकि जस्टिस हिमा कोहली ने हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. तब उन्होंने कोर्ट से पूछा कि रामदेव और बालकृष्ण को और क्या लिख कर देने की जरूरत है. इसपर जस्टिस कोहली ने कहा हम आपको कितनी बार समय दें.
कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने जब आपको विज्ञापन रोकने को कहा था तब आपके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती थी. उस वक्त आपने कानून क्यों नहीं माना था. बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान भी दोनों कोर्ट पहुंचे थे.