Pune Car Crash: पुणे में पिछले दिनों एक रईसजादे ने अपनी पोर्श कार से दो तकनीशियनों को कुचल दिया था. इस मामले में नाबालिग ड्राइवर को कोर्ट से जमानत मिल गई है. वहीं पुलिस ने आरोपी के पिता को गिरफ्तार कर लिया है. अब मुंबई पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत नाबालिग आरोपी को 10 साल की जेल की सजा हो सकती है.
कथित तौर पर रविवार तड़के शहर में दो मोटरसाइकिल सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को पोर्श कार से पुणे के अमीर बिल्डर के रईसजादे बेटे ने बुरी तरह कुचल दिया था. किशोर को किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के समक्ष पेश किया गया, यहां जज ने 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए जमानत दे दी. त्वरित जमानत और पुलिस की समीक्षा याचिका पर हंगामे के बाद, जेजेबी ने बुधवार को रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के बेटे किशोर को 5 जून तक एक अवलोकन गृह में भेज दिया. पुलिस ने मामले में किशोर के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है.
कार हादसे में आया नया मोड़
मालूम हो कि आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल ने दावा किया था हादसे के वक्त गाड़ी उनका बेटा नहीं बल्कि फैमिली ड्राइवर चला रहा था. वहीं जब ड्राइवर से पूछताछ की गई तो उन्होंने भी कहा कि वो खुद गाड़ी चला रहे थे. अब इस मामले पर पुलिस ने कहा है, इस बात की भी जांच की जा रही है कि ड्राइवर ने किसके दबाव में यह बयान दिया.
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आरोपी के दादा से भी हो रही है पूछताछ
पुलिस मामले की जांच में जुटी है. इस हादसे के सिलसिले में आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से पूछताछ कर रही है. साथ ही पुलिस घटना के दौरान लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगालने की कोशिश में लगी है. पुणे सीपी अमितेश कुमार का कहना है,”घटना के बाद प्राथमिक तौर पर 304 का मामला दर्ज किया गया था. बाद में धारा 304 को जोड़ दिया गया. सीपी ने आगे कहा, ”हमने उसी दिन नाबालिग को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया और उनसे इसे जघन्य अपराध मानने और आरोपी के साथ एक बालिग जैसा व्यवहार करने का आग्रह किया.”