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सिखों पर राहुल गांधी के विवादित बयान का आतंकी पन्नू ने किया समर्थन, कहा- साबित हुआ हमारी खालिस्तान की मांग जायज

Rahul Gandhi In USA

राहुल गांधी और गुरपतवंत पन्नून

Rahul Gandhi In USA: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं. राहुल गांधी का ये दौरा देश में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है. कांग्रेस नेता लगातार विदेश से भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना भी साध रहे हैं, साथ ही इलेक्शन कमीशन की निष्पक्षता पर भी कई सवाल उठाए. इसी बीच राहुल गांधी अमेरिका में सिख धर्म पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं. उन्होंने सिख धर्म की आजादी पर दिए अपने बयान से राजनीतिक भूचाल ला दिया है.

राहुल गांधी ने अमेरिका के वर्जीनिया में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में लड़ाई इस बात की है कि क्या एक सिख को पगड़ी पहनने दी जाएगी. क्या एक सिख को कड़ा पहनने या गुरुद्वारे जाने की इजाजत होगी. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है. तमाम विरोधों के बाद अब खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत पन्नू ने राहुल गांधी की इस टिप्पणी का समर्थन किया. उसने कहा कि राहुल गांधी का ये बयान सिख फॉर जस्टिस के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है.

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राहुल का बयान साहसिक

राहुल गांधी के बयान को लेकर जहां एक ओर देश में सियासी भूचाल आया है, बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमलावर है वहीं खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने अपना समर्थन दिया और कहा है कि भारत में सिखों की हालत पर राहुल गांधी ने जो बयान दिया है वो न केवल साहसिक है बल्कि 1947 के बाद से भारत में सिखों पर हो रहे अत्याचार को दिखाता है. उसने कहा, “राहुल गांधी ने काफी बोल्ड स्टेटमेंट दिया है. उनका ये बयान सिख फॉर जस्टिस के अलग खालिस्तान देश की मांग को जस्टिफाई करता है.”

सिखों पर क्या बोले थे राहुल गांधी?

अमेरिका दौरे पर गए राहुल गांधी कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. इस दौरान सोमवार को वर्जीनिया में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी और क्या वह गुरुद्वारे में जा सकेगा. राहुल ने कहा, ”सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है. लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है. यह सतही है. आपका नाम क्या है? लड़ाई इस बारे में है कि क्या एक सिख के रूप में उन्हें भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी. या एक सिख के रूप में उन्हें भारत में कड़ा पहनने की अनुमति दी जाएगी. या एक सिख गुरुद्वारा जाने में सक्षम होगा. यही लड़ाई है और सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है.”

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