Tirupati Laddu: तिरुपति प्रसादम विवाद मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल हुए घी में मिलावट के मामले की जांच के नई एसआईटी का गठन किया है. सुप्रीम ने सीबीआई निदेशक की निगरानी में नई एसआईटी टीम बनाई है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले की जांच राज्य सरकार नहीं करेगी.
अदालत नहीं है सियासी अखाड़ा
कोर्ट ने कहा कि अदालत को राजनीति का मैदान नहीं बनाया जा सकता. इस मामले की जांच के लिए एक नई टीम बनाई गई है. इस टीम में सीबीआई के दो अधिकारी, आंध्र प्रदेश सरकार के दो प्रतिनिधि और एफएसएसएआई का एक सदस्य शामिल हैं. इस जांच की देखरेख सीबीआई के प्रमुख करेंगे. यानी तिरुपति बालाजी के प्रसाद में मिलावट के मामले की जांच अब राज्य सरकार नहीं, बल्कि यह नई टीम करेगी.
तिरुपति प्रसादम विवाद मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई SIT का किया गठन.#Delhi #TirupatiPrasadam #TirupatiPrasadamControversy #SIT #SupremeCourt #VistaarNews pic.twitter.com/CuklOj7yAM
— Vistaar News (@VistaarNews) October 4, 2024
कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का मामला है और हम इसे सियासी अखाड़ा नहीं बनाना चाहते हैं. वहीं मामले की सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें एसआईटी की क्षमता पर कोई संदेह नहीं है, लेकिन वे चाहते हैं कि जांच की निगरानी किसी पुलिस अधिकारी को सौंपी जाए. अगर इन आरोपों में कोई भी सच्चाई है तो यह स्वीकार करने योग्य नहीं है.
रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
बता दें कि सीएम चंद्रबाबू नायडू के आरोपों के बाद लैब रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि तिरुपति के लड्डू बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले घी में जानवरों की चर्बी के अंश मिले थे. इसके अलावा, मछली का तेल भी उसमें पाया गया था. इसका खुलासा होते ही पूर्व की जगन मोहन सरकार पर गंभीर आरोप लगने लगे थे. वहीं साधू-संत भड़क गए थे और यह मांग करने लगे की धार्मिक प्रतिष्ठान या मंदिरों का सरकार द्वारा अधिग्रहण बंद होना चाहिए.
यह भी पढ़ें: Mirzapur में भीषण सड़क हादसा, ट्रक-ट्रैक्टर की भिड़ंत में 10 मजदूरों की मौत, 3 गंभीर रूप से घायल