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पटाखों पर बैन वाले नियम की उड़ी धज्जियां, SC ने दिल्ली सरकार और पुलिस पर उठाया सवाल, कहा- शादी-चुनाव में भी रोक पर हो विचार

Supreme Court

दिल्ली में बढ़े प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पटाखों पर प्रतिबंध पर 'तत्काल' प्रतिक्रिया मांगी है.

Supreme Court On Air Pollution: दिल्ली सरकार ने राजधानी में 1 जनवरी 2025 तक के लिए पटाखों पर बैन लगाया है. बैन के बावजूद भी दिवाली पर दिल्ली में आतिशबाजी जम कर हुई थी. जिस कारण दिल्ली में प्रदुषण का स्तर काफी बढ़ गया है. दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और पुलिस से दिवाली के दौरान पटाखों पर लगाए गए प्रतिबंध पर ‘तत्काल’ प्रतिक्रिया मांगी है. एससी ने कहा हर साल इस प्रतिबंध की घोषणा की जाती है, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. जिसके परिणामस्वरूप त्योहार के बाद कई दिनों तक राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में हवा जहरीली हो जाती है.

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान दिल्ली में बैन के बावजूद पटाखे जलाए जाने पर नाराजगी जताई. एससी ने सरकार और पुलिस से कहा, अगले साल से इस बैन का पालन सख्ती से हो यह सुनिश्चित किया जाए.

 

बता दें कि, दिवाली के दिन पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं अधिक हुईं थी. एससी ने पंजाब और हरियाणा से भी इस बारे में जवाब मांगा है. साथ ही कोर्ट ने अतिरिक्त फंड की पंजाब की मांग पर 2 सप्ताह में फैसला लेने को कहा है.

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एससी ने दिल्ली सरकार और पुलिस से दिल्ली में पटाखों पर रोक को पूरी तरह से लागू करने पर जवाब भी मांगा है. एससी ने पूछा कि वह अगले साल से इसका पालन सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाएंगे. एससी ने कहा कि हमें ऐसा कदम उठाना चाहिए कि अगले साल दिवाली पर पटाखों पर बैन के अदालती आदेश का उल्लंघन न हो सके. एससी ने शादी और चुनाव में भी आतिशबाजी पर रोक लगाने पर विचार करने को कहा है.

एससी के जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘ऐसी व्यापक खबरें हैं कि दिल्ली एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध बिल्कुल भी लागू नहीं किया गया. यह प्रदूषण कम करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता था.’

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