Supreme Court: हिमाचल प्रदेश के छह बागी कांग्रेस विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. छह बागी कांग्रेस विधायकों को अयोग्य ठकराने के स्पीकर के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
बागी नेताओं की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने पेश होते हुए उनका पक्ष रखा. लेकिन सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश के छह बागी कांग्रेस नेताओं को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर संबंधित उत्तरदाताओं को नोटिस जारी किया. इसके बाद बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में वोट देने या सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया. हालांकि इससे पहले भारत निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव के साथ ही इन खाली छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराने का ऐलान कर दिया था.
कई राज्यों की 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
आयोग द्वारा ऐलान करने और अब कोर्ट का फैसला आने के बाद धर्मशाला, लाहौल स्पीति, सुजानपुर, बड़सर, गगरेट और कुटलैहड़ सीट पर उपचुनाव होगा. आयोग ने इन सीटों के साथ ही देश के कई राज्यों की कुल 26 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान किया है.
हालांकि हिमाचल प्रदेश की इन छह सीटों पर एक जून को अंतिम चरण के दौरान वोटिंग होगी. गौरतलब है कि इन सभी छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ क्रॉस वोटिंग की थी. क्रॉस वोटिंग होने के बाद पार्टी के सभी छह विधायक को व्हिप जारी कर बजट के दौरान वोटिंग में उपस्थित रहने के लिए कहा गया था.
लेकिन वह सदन में उपस्थित नहीं रहे, जिसके बाद उन्हे अयोग्य घोषित करने की मांग पर स्पीकर ने फैसला दिया था. स्पीकर ने अपने फैसले में इन सभी छह विधायकों को अयोग्य करार दिया था. अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है.