Farmers Protest: शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने फिलहाल दिल्ली कूच को स्थगित कर दिया है. इसी बीच, किसान आंदोलन और नेशनल हाइवे को रोकने के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस मामले में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार से शंभू बॉर्डर समेत सभी बाधित हाईवे को खुलवाने के निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि नेशनल हाइवे्स को बीधित करना आम जनता के फंडामेंटल राइट्स का हनन है. यह न केवल नेशनल हाईवे एक्ट के तहत अपराध है, बल्कि BNS के अंतर्गत भी दंडनीय है. याचिका में प्रदर्शनकारी किसानों को हाईवे से हटाने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की गई है. साथ ही कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करें कि प्रदर्शन के दौरान किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग या रेलवे ट्रैक को बाधित न किया जाए. इसके अलावा, आम जनता के लिए सब कुछ सही करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है.
7 नवंबर को दायर की गई याचिका
यह जनहित याचिका 7 नवंबर को दायर की गई थी. इसमें शंभू बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के कारण उत्पन्न बाधाओं को हटाने और परिवहन व्यवस्था को सामान्य करने का मुद्दा उठाया गया है. याचिका में कोर्ट से आग्रह किया गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर इस तरह की समस्याओं का समाधान निकालें.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर नजरें
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि किसानों के आंदोलन और आम जनता के अधिकारों के बीच संतुलन कैसे बनाया जा सकता है. हालांकि, किसान आंदोलन से जुड़े मुद्दे संवेदनशील और व्यापक हैं, जिनका समाधान करना किसी भी पक्ष के लिए आसान नहीं होगा.