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CJI DY Chandrachud: ‘महिला वकीलों की संख्या तेजी से बढ़ रही, लेकिन…’, सीजेआई चंद्रचूड़ ने उठाए अहम सवाल, की ये अपील

CJI DY Chandrachud

सुप्रीम कोर्ट और उसके फैसलों पर लगने वाले आरोपों पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने खुल कर की बात.

CJI DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बार एसोसिएशन और बार काउंसिल में महिलाओं के प्रतिनिधित्व पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि भले ही महिला वकीलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन हमारे निर्वाचित बार एसोसिएशनों या बार काउंसिलों में वह देखने को नहीं मिल रही है.

जानकारी के मुताबिक, नागपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी समारोह में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उपरोक्त बातें कही. उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने में कोई औपचारिक बाधाएं नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि अधिक से अधिक महिलाएं बार एसोसिएशन या बार काउंसिल में चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं और जीत रही हैं? अपने भाषण में सीजेआई चंद्रचूड़ ने बार के साथ न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

क्यो होता है बार एसोसिएशन और बार काउंसिल?

बार एसोसिएशन वकीलों की एक संघ होता है. जो अधिवक्ताओं के आचरण को नियंत्रित करने का काम करती है और रजिस्टर्ड वकीलों के वेलफेयर के लिए काम करती है. एडवोकेट एक्ट 1961 की धारा 17 (4) के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को एक से ज्यादा स्टेट बार काउंसिल में एडवोकेट के तौर पर रजिस्टर नहीं किया जा सकता. लेकिन एक से ज्यादा बार एसोसिएशन के मेंबर बन सकते हैं. उदाहरण के लिए  दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, दिल्ली बार एसोसिएशन, द्वारका कोर्ट बार एसोसिएशन, नई दिल्ली बार एसोसिएशन आदि.

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स्टेट बार काउंसिल एक कानूनी सिस्टम है. एडवोकेट्स एक्ट 1961 के जरिये इसका गठन हुआ है. यह राज्य के वकीलों का प्रतिनिधित्व करती है. साथ ही उस राज्य में वकालत के पेशे से जुड़ी बातों पर महत्वपूर्ण फैसले लेती है.

CJI चंद्रचूड़ ने वकीलों से की ये अपील

नागपुर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के शताब्दी समारोह में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बार एसोसिएशन के सदस्यों और पदाधिकारियों से बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा कि वकीलों को अदालत के फैसलों पर प्रतिक्रिया करते समय आम लोगों की तरह टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हम अगर कुछ कहते हैं तो उसका असर बड़ा होता है.

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