Tirupati Mandir के प्रसाद में मिली जानवरों की चर्बी, भड़के अयोध्या के संत, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भी आए थे लड्डू

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और इसे भक्तों की भावनाओं के खिलाफ बताया और इसे अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया और जांच की मांग की.
Tirupati Mandir

मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास

Tirupati Mandir: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलने की पुष्टि के बाद इस पर घमासान मचा हुआ है. जिस घी से लड्डू बने थे, उसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल का खुलासा हुआ है. यह खबर के सामने आते ही संतों और धार्मिक संगठनों ने इस मुद्दे पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे धार्मिक भावनाओं पर हमला बताया. राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने यह भी बजाया कि तिरुपति मंदिर का लड्डू राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में भी आए थे.

घटना पर भड़का संत समाज

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलने की घटना को भक्तों की भावनाओं के खिलाफ बताया, साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय साजिश बताया और जांच की मांग की. उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने कहा कि ये लड्डू राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भी अयोध्या आया था.

वहीं राष्ट्रवादी बाल संत दिवाकर आचार्य ने इस घटना को जघन्य अपराध बताते हुए कहा कि यह धर्म को भ्रष्ट करने की साजिश हो सकती है. दिवाकर आचार्य ने कहा कि लड्डू में मांस मिलाना जिहाद को बढ़ावा देने जैसा है और ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए. संत समाज ने सरकार से तत्काल जांच और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की अपील की है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली जगन सरकार के कार्यकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में दिए जाने वाले लड्डुओं में मिलावट की गई थी. उनका दावा था कि प्रसाद में इस्तेमाल हो रहे घी में जानवरों की चर्बी मिली हुई थी. नायडू ने इसे श्रद्धालुओं की आस्था पर गहरा आघात बताया. इस आरोप के बाद मंदिर ट्रस्ट ने घी के सैंपल NDDB की प्रयोगशाला CALF में भेजा था, जिसकी जांच रिपोर्ट 18 सितंबर को सामने आई थी.

क्या कहती है जांच रिपोर्ट?

घी के सैंपल की रिपोर्ट के अनुसार, प्रसाद लड्डुओं में जिस घी का इस्तेमाल किया जा रहा था, वह मिलावटी था. उसमें जानवरों की चर्बी (एनिमल टैलो), मछली का तेल (फिश ऑयल) और लार्ड (सूअर की चर्बी) की उपस्थिति पाई गई. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रसादम में इस्तेमाल हो रहे घी में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, मक्का के बीज, पाम तेल, बीफ टैलो और अन्य वसा भी मिले हुए थे.

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