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“वह भी शाह था और यह शाह भी…”, उद्धव ठाकरे ने BJP के इस बड़े नेता को बताया अब्दाली का वंशज

Lok Sabha Election 2024

उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के बागी नेताओं के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है.

Uddhav Thackeray On Amit Shah: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने एक दूसरे के खिलाफ़ जंग तेज कर दी है. शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अमित शाह तुलना ऐतिहासिक आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली से कर दी. उद्धव ठाकरे ने कहा, “महाराष्ट्र के इतिहास पर नजर डालें तो शाहिस्तखान ने पुणे पर हमला किया था. हालांकि शाहिस्तखान चतुर था, वह सिर्फ तीन उंगलियां खोकर भागने में सफल रहा. उसके बाद वह कभी वापस नहीं लौटा.”

उन्होंने कहा, “अगर कुछ लोगों ने इससे सीख ली होती तो वे भी कभी वापस नहीं आते. लेकिन वे वापस क्यों आए? वे पिछले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की जनता द्वारा दिए गए प्रहार का असर देखने आए थे. यह व्यक्ति जो वापस लौटा है, वह अहमद शाह अब्दाली का राजनीतिक वंशज है. ठाकरे ने कहा, “वह भी शाह था और यह शाह भी शाह है.”

शिव संकल्प मेला को संबोधित कर रहे थे उद्धव ठाकरे

पुणे के शिव संकल्प मेला को उद्धव ठाकरे संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में पुणे से बड़ी संख्या में शिवसैनिक शामिल हुए. ठाकरे ने कहा, “आज से मैं अमित शाह को अहमद शाह अब्दाली कहूंगा. वे मुझे नकली वारिस, औरंगजेब फैन क्लब कहते हैं. इसलिए मैं उन्हें अहमद शाह अब्दाली कहूंगा. वह अहमद शाह अब्दाली है. उससे डरने की कोई जरूरत नहीं है. जैसे औरंगजेब की कब्र यहां बनाई गई थी, वैसे ही भाजपा के लिए एक राजनीतिक कब्र बनाओ.”

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एक गद्दार कभी हिंदू नहीं हो सकता: ठाकरे

ठाकरे ने भाजपा के हिंदू धर्म के दावों की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, “जो लोग नवाज शरीफ के साथ केक खाते हैं, वे हमें हिंदुत्व के बारे में क्या सिखाएंगे? जैसा कि शंकराचार्य ने कहा था, एक गद्दार कभी हिंदू नहीं हो सकता. आपने हमारे साथ विश्वासघात किया.”

ठाकरे ने आगे कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमें बताते हैं कि उन्होंने अपना बचपन एक मुस्लिम परिवार के साथ बिताया. यदि यह आपकी धर्म की अवधारणा है, तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में क्या, जिन्हें बाद में अदालतों ने खारिज कर दिया? क्या हमें आपकी धार्मिक अवधारणा का पालन करना चाहिए या योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश में फैलाई जा रही अवधारणा का?”

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