Blood Money: केरल के लोगों ने एकजुटता और करुणा का मिसाल पेश किया है. लोगों ने सऊदी अरब में मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को बचाने के लिए ‘ब्लड मनी’ (Blood Money) के तौर पर 34 करोड़ रुपये जुटा लिए. दरअसल, केरल का एक शख्स 18 साल पहले सऊदी अरब के कानूनी शिकंजे में फंस गया था. बाद में इस इंसान को हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया था और फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन केरल के आम लोगों ने इस इंसान को बचाने की ठान ली. इसके बाद क्राउड फंडिंग का दौर चला और देखते ही देखते लोगों ने करीब 34 करोड़ रुपये ‘ब्लड मनी’ के रूप में जुटा लिए…आइये विस्तार से जानते हैं कि क्या है ‘ब्लड मनी’? क्या सऊदी में पैसे देकर सजा कम या खत्म कराई जा सकती है?
बता दें कि करीब 18 साल पहले केरल कोझिकोड के रहने वाले अब्दुल रहीम सऊदी पहुंचा था. उसने हाउस ड्राइवर वीजा पर रियाद की यात्रा की थी. इस दौरान उसने एक विकलांग सऊदी लड़के की देखभाल की. लेकिन एक दिन अचानक एक हादसा हुआ. जिसमें दिव्यांग बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद सऊदी अरब में उस लड़के की आकस्मिक मौत के लिए अब्दुल रहीम को मौत की सजा सुनाई गई थी. उसने सऊदी अरब में 18 साल सलाखों के पीछे बिताए हैं.
साल 2018 में रहीम को सुनाई गई थी सजा
साल 2018 में रहीम को इस घटना के लिए सऊदी कानून के तहत मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, लड़के के परिवार को सूचित किया गया कि यदि ‘ब्लड मनी’ के रूप में 34 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए तो रहीम को माफ़ किया जा सकता है. भारत में जुटाई गई ये धन विदेश मंत्रालय के माध्यम से रियाद में भारतीय दूतावास को ट्रांसफर किया जाएगा. इससे रहीम की रिहाई में आसानी होगी. रहीम ने लोगों और कानूनी समिति को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हुए इसे “रियल केरल स्टोरी” करार दिया. इस बीच कानूनी कार्रवाई समिति ने धन संग्रह बंद करने की घोषणा की है, यह पुष्टि करते हुए कि लक्ष्य पूरा हो गया है और आगे कोई दान स्वीकार नहीं किया जाएगा.
सीएम पिनाराई विजयन ने क्या कहा?
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य भाईचारे का किला है जिसे सांप्रदायिकता से नहीं तोड़ा जा सकता है. उन्होंने कहा, “मलयाली मानवता और परोपकार की कहानियों के माध्यम से अपनी रक्षा बढ़ा रहे हैं. सऊदी अरब में मौत की सजा पाए कोझिकोड के मूल निवासी अब्दुल रहीम की रिहाई के लिए दुनियाभर से मलयाली द्वारा 34 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं. एक इंसान को बचाने के लिए , एक परिवार के आंसू पोंछने के लिए, उन्होंने मानव प्रेम का एक महान उदाहरण बनाया है. ”
ब्लड मनी क्या होता है?
इस्लामी कानून में “ब्लड मनी” को “दीया” के रूप में जाना जाता है, जो जानबूझकर हत्या या हत्या के मामलों में पीड़ित के परिवार को मुआवजे के रूप में दिया जाता है. यानी ‘ब्लड मनी’ उस रकम को कहते हैं जिसका भुगतान सजा से बचने के लिए पीड़ित के परिवार को करना होता है.
इस्लामी कानून में अपराधी को कैसे सजा दी जाए, इसमें पीड़ित का अधिकार होता है. सामान्य तौर पर इस्लामी कानून हत्यारों को मौत की सजा देने का प्रावधान करता है . हालांकि, पीड़ित के उत्तराधिकारी धन के बदले हत्यारे को मृत्युदंड से छूट देने का विकल्प चुन सकते हैं. लेकिन इसके बाद भी हत्यारे को कोर्ट से सजा मिलेगी. संभवतः लंबी जेल की सजा, लेकिन मौत की सजा को हटा दिया जाएगा.
इसे दीया और अंग्रेजी में ब्लड मनी के नाम से जाना जाता है. इसे अधिक उपयुक्त रूप से “पीड़ित का मुआवजा” कहा जाता है. दीया भुगतान कम अपराधों और लापरवाही के कृत्यों के लिए भी किया जा सकता है. जैसे कार चलाते समय सो जाना और दुर्घटना का कारण बनना. लेकिन पीड़ित या परिवार के सदस्य नुकसान के लिए सिविल अदालत में भी मुकदमा कर सकते हैं. हालांकि, इस्लामी कानून में, यदि पीड़ित या पीड़ित के प्रतिनिधि मौद्रिक भुगतान स्वीकार करते हैं, तो इसे क्षमा का कार्य माना जाता है.
भुगतान की राशि
दीया भुगतान की राशि के लिए इस्लाम में कोई निर्धारित कीमत नहीं है. इसे अक्सर बातचीत पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन कुछ मुस्लिम देशों में कानून द्वारा न्यूनतम राशि निर्धारित की जाती है. यदि आरोपी भुगतान वहन नहीं कर सकता है, तो उसके परिवार या राज्य अक्सर मदद के लिए आगे आएंगे.