Amit Shah On CAA: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को 370 सीटें और NDA को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी और पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों पर कोई सस्पेंस नहीं है और यहां तक कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों को भी एहसास हो गया है कि उन्हें फिर से विपक्षी बेंच में बैठना होगा.
अमित शाह ने कहा, “हमने अनुच्छेद 370 निरस्त कर दिया है. इसलिए हमारा मानना है कि देश की जनता भाजपा को 370 सीटों और एनडीए को 400 से अधिक सीटों का आशीर्वाद देगी.”
लोकसभा चुनाव से पहले लागू होगा CAA
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) पर शाह ने कहा कि 2019 में कानून लागू हुआ था. इस संबंध में नियम जारी करने के बाद लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा. गृह मंत्री शाह ने कहा, “सीएए देश का कानून है इसका नोटिफिकेशन निश्चित रूप से हो जाएगा. चुनाव से पहले ही सीएए को अमल में आना है इसमें किसी को कंफ्यूजन नहीं रखना है.”
उन्होंने कहा, “CAA के खिलाफ हमारे मुस्लिम भाइयों को गुमराह किया जा रहा है और भड़काया जा रहा है. सीएए केवल उन लोगों को नागरिकता देने के लिए है जो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आए हैं. यह किसी की भारतीय नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.”
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “सीएए देश का एक अधिनियम है. इसे चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा. इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए. हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेषकर हमारे मुस्लिम समुदाय को भड़काया जा रहा है.” उन्होंने कहा, “सीएए कांग्रेस सरकार का एक वादा था. जब देश का विभाजन हुआ और उन देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को आश्वासन दिया था कि भारत में उनका स्वागत है और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जायेगी. अब वे पीछे हट रहे हैं.”
क्या है नागरिकता संशोधन अधिनियम?
नागरिकता संशोधन अधिनियम, जिसे आमतौर पर CAA के रूप में जाना जाता है, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया था. इस अधिनियम का उद्देश्य उन प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना है – जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं. इस कानून के माध्यम से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से आने वाले हिंदू शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी.जब मोदी सरकार ने इस बिल को सदन में पेश किया था तो देश भर में खूब हंगामा हुआ था.