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झारखंड में अचानक दो दिनों के लिए क्यों बंद कर दिया गया इंटरनेट? हाई कोर्ट पहुंचा मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर

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Jharkhand Internet Shutdown: झारखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है, जिसमें JSSC CGL परीक्षा के दौरान राज्य में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को चुनौती दी गई है. यह मामला शनिवार को जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस अनुसूया रावत चौधरी की पीठ के समक्ष सुना गया.

सुनवाई के दौरान न्यायालय का सवाल

सुनवाई के दौरान, न्यायालय ने राज्य सरकार से इंटरनेट बंद करने की नीति के बारे में पूछा. न्यायालय ने सवाल उठाया कि क्या ऐसी ही कार्रवाइयां सभी परीक्षाओं के दौरान की जाएंगी. इस पर सरकार को चार सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें विस्तृत उत्तर देने की आवश्यकता होगी.

राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील राजीव रंजन ने सरकार का पक्ष प्रस्तुत किया, जबकि याचिकाकर्ता की ओर से राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने अपनी दलीलें रखीं. याचिकाकर्ता का कहना था कि इंटरनेट सेवा का निलंबन रोजमर्रा की गतिविधियों में बाधा डाल रहा है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और काम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.

वहीं राज्य सरकार ने कहा कि केवल मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित की गई थीं, ताकि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की धांधली को रोका जा सके. जबकि अन्य मोबाइल सेवाएं सामान्य रूप से कार्यरत थीं.

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क्यों बंद किया गया झारखंड में इंटरनेट?

झारखंड में 21 और 22 सितंबर को सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी. इस आदेश के तहत सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के इंटरनेट, डेटा और वाई-फाई सेवाएं प्रतिबंधित रहेंगी. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने शुक्रवार की शाम यह आदेश जारी किया.

हेमंत सोरेन सरकार ने जेएसएससी की संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (सीजीएल 2023) को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न कराने के लिए यह निर्णय लिया है. सरकार को आशंका है कि असामाजिक तत्व या संगठित समूह सोशल मीडिया के जरिए अफवाहें फैलाकर परीक्षा प्रक्रिया में विघ्न डाल सकते हैं.

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