Premanand ji maharaj morning motivation: हमेशा से हमें बताया जाता है कि सुबह जल्दी उठना चाहिए. इससे हमारी सेहत अच्छी और मानसिक तनाव भी कम होता है. लेकिन अब सर्दियां शुरू हो गई हैं. गुलाबी ठंड से लेकर कड़ाके की ठंड तक सुबह उठना मुश्किल हो जाता है. कई बार अलार्म स्नूज करने के बाद भी नींद नहीं खुलती है. ऐसे में वृंदावन के प्रसिद्ध संत और प्रेमानंद महाराज ने इसका आसान उपाय बताया है.
वृंदावन के प्रसिद्ध संत और प्रेमानंद महाराज से अक्सर लोग अपने जीवन से जुड़ी परेशानियों के बारे में सवाल पूछते रहते हैं. एक लड़के ने प्रेमानंद महाराज जी को बताया कि वह सारा ब्रह्मचर्य मान लेता है लेकिन सुबह जल्दी नहीं उठ पाता है. वहीं, ठंड में तो बिल्कुल भी नहीं.
‘जब मैं 16 साल का था तब…’
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने बताया- ‘असल बात ये है कि सुबह उठने के लिए अब तक लगन नहीं लगी है ना. जब मैं 16 साल का था तब तक मुझे 3 साल हो चुके थे बाबा बने हुए. उस समय गंगाजी में त्रिकाल स्नान करता था. हमारा प्रयास हमेशा रात्रि में 2 बजे तक उठने का रहा है. उठने के बाद थोड़ी देर भजन में बैठना, उसके बाद गंगा के किनारे स्नान करने जाना. इस समय गंगा का जल ठंडा भी बहुत होता है.’
‘शरीर बीमार रहता है लेकिन फिर भी समय से उठता हूं’
इस दौरान लड़के ने आगे पूछा कि आपने नहीं सोचा कि थोड़ी देर और सो लूं. इस पर जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा-‘नहीं हमें कभी नहीं लगा है. अगर हमारी झपकी लगी भी है तो कई बार लगा कि हम बहुत ही ज्यादा सो गए हैं. जिसके बाद बैठकर भजन करने का मन होता है. आज भी शरीर बीमार रहता है लेकिन फिर भी समय से उठता हूं.’
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‘दिनचर्या बहुत महत्वपूर्ण’
प्रेमानंद महाराज ने बताया- ‘सुबह उठने के लिए दिनचर्या भी बहुत ही महत्वपूर्ण होती है. दिनचर्या ऐसी बनानी चाहिए, जिसमें सुबह से शयनकाल तक 1 मिनट भी खाली न हो. उस दिनचर्या का कभी उल्लंघन नहीं करना चाहिए. जिस समय कार्य करने का आदेश दिया गया है उसी समय वो कार्य करना चाहिए.’
