पहले नारद और रामइकबाल, अब धनंजय सिंह की पत्नी ने की गृह मंत्री से मुलाकात, क्या बलिया-घोसी के लिए हो रही कवायद?

Lok Sabha Election 2024: बलिया के दिग्गज नेता नारद राय और राम इकबाल सिंह ने समाजवादी पार्टी के साथ बगावत की और देर रात ओपी राजभर के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर BJP को समर्थन दे दिया.
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धनंजय सिंह की पत्नी ने की गृह मंत्री से मुलाकात

Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव 2024 का अब अंत होने वाला है. सिर्फ एक चरण का ही मतदान बचा है. वहीं उत्तर प्रदेश में होने वाले अंतिम चरण के मतदान को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीत NDA और कांग्रेस-समाजवादी पार्टी की अगुवाई वाली INDIA ब्लॉक ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. ऐसे में बलिया में भी लड़ाई दिलचस्प हो चुकी है. सोमवार को सबसे पहले बलिया के दिग्गज नेता नारद राय और राम इकबाल सिंह ने समाजवादी पार्टी के साथ बगावत की और देर रात ओपी राजभर के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर BJP को समर्थन दे दिया. अब मंगलवार को जौनपुर के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला ने भी वाराणसी में अमित शाह से मुलाकात कर सियासी चर्चाओं को जोर दे दिया है.

बलिया में BJP-SP की लड़ाई कांटे की

दरअसल, बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला ने एक हफ्ते के अंदर ही दूसरी बार अमित शाह से मुलाकात की है. बता दें कि, धनंजय सिंह ने जौनपुर में लोकसभा चुनाव से फ्री होने के बाद से ही BJP भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर के चुनाव प्रचार में शामिल होने की बात कर चुके हैं. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि बलिया के नारद राय, राम इकबाल सिंह और अब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला की अमित शाह से मुलाकात के पीछे एक ही कारण है. दरअसल, बलिया में चुनावी मुकाबला साख की लड़ाई बन चुका है. PDA मिशन को लेकर चुनावी लड़ रहे सपा चीफ अखिलेश यादव ने बलिया में ब्राह्मण चेहरे सनातन पांडेय पर दांव लगाया है. इससे लड़ाई कांटे की हो गई है. वहीं BJP ने मौजूदा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटकर पूर्व सपा नेता नीरज शेखर को उतारा है.

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घोसी सीट के लिए भी हो रही है कवायद

वहीं SBSP चीफ ओपी राजभर इन मुलाकातों में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ऐसे में चर्चा घोसी लोकसभी सीट को लेकर भी तेज है और ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर चुनावी मैदान में हैं. वहीं राम इकबाल सिंह का प्रभाव बलिया की जगह घोसी लोकसभा सीट में ज्यादा माना जाता है. राम इकबाल सिंह पहले जिस चिलकहर विधानसभा सीट से विधायक चुने जाते रहे हैं वह अब अस्तित्व में नहीं है लेकिन उसका बड़ा हिस्सा रसड़ा विधानसभा सीट में मिल गया है और रसड़ा सीट घोसी लोकसभा सीट का हिस्सा है. ऐसे में राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो पूरी कवायद घोसी लोकसभा सीट के लिए भी हो रही है.

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