Vistaar NEWS

“हमारी सरकार बनी तो कराएंगे संपत्ति के बंटवारे का सर्वे”, जातीय जनगणना के बाद राहुल गांधी ने किया एक और चुनावी वादा

rahul gandhi, Lok Sabha Election

कांग्रेस नेता राहुल गांधी

Lok Sabha Election 2024: घोषणा पत्र में 5 न्याय और 25 गांरटी के बाद अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ‘संपत्ति के बंटवारे का सर्वे’ कराने का चुनावी वादा किया है. राहुल गांधी ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो देश में लोगों के बीच धन के वितरण का पता लगाने के लिए एक वित्तीय और संस्थागत सर्वे कराएगी. कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के बाद हैदराबाद में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना के अलावा सर्वे कराया जाएगा, जिसका पार्टी ने वादा किया है.

राहुल गांधी ने कहा, “हम पहले यह निर्धारित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना करेंगे कि कितने लोग अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अल्पसंख्यकों से संबंधित हैं. उसके बाद, हम एक वित्तीय सर्वे करेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम होगा.

90 फीसदी आबादी के पास कोई हिस्सेदारी नहीं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि वह लोगों को उनका उचित हिस्सा देगी. उन्होंने कहा, ” एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की संख्या कुल आबादी का 90 फीसदी है, लेकिन, आप उन्हें नौकरियों में नहीं देखेंगे. सच्चाई यह है कि इस 90 फीसदी आबादी के पास कोई हिस्सेदारी नहीं है.” कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “90 आईएएस अधिकारी हैं जो देश का प्रशासन चलाते हैं. लेकिन उनमें से केवल तीन ओबीसी, एक आदिवासी और तीन दलित हैं.”

यह भी पढ़ें: यूपी के गाजीपुर पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, मुख्तार अंसारी के परिवार के सदस्यों से की मुलाकात

PMLA कानून में कांग्रेस ने किया बदलाव का ऐलान

शुक्रवार को कांग्रेस ने न्याय के पांच स्तंभों पर फोकस करते हुए अपना घोषणापत्र जारी किया. पार्टी ने देश में ओबीसी के प्रतिनिधित्व को मजबूत करने के लिए जाति जनगणना और अन्य उपायों पर ध्यान केंद्रित किया है. कांग्रेस के घोषणा पत्र की बड़ी बातों की अगर बात की जाए तो इसमें केंद्र सरकार में 30 लाख नौकरियां, गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपये सालाना, जाति जनगणना, एमएसपी को कानूनी दर्जा, मनरेगा मजदूरी 400 रुपए, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग रोकने और PMLA कानून में बदलाव का ऐलान किया गया है. साथ ही सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की भी घोषणा की है.

 

 

Exit mobile version