Lok Sabha Election: सीतापुर जेल पहुंच अखिलेश यादव ने की आजम खान से मुलाकात, रामपुर सीट को लेकर अटकलें तेज

Lok Sabha Election 2024: इस क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल पहुंचे. यहां उन्होंने जेल में बंद पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की.
Lok Sabha Election 2024

आजम खान से मिलने सीतापुर जेल पहुंचे अखिलेश यादव

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. जिसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल सियासी दांव-पेंच लगाने में जुटी है. इस क्रम में सपा प्रमुख अखिलेश यादव शुक्रवार को सीतापुर जेल पहुंचे. यहां उन्होंने जेल में बंद पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि, दोनों नेताओं के मुलाकात के लिए जेल प्रशासन ने करीब एक घंटे का समय निर्धारित किया था. बता दें कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सपा नेता आजम खान कई महीने से जेल में बंद हैं.

ऐसा दावा किया जा रहा है कि सपा प्रमुख और आजम खान के बीच यूपी के रामपुर लोकसभा सीट को लेकर बातचीच हुई है. सूत्रों के मुताबिक, आजम खान से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव रामपुर के लिए उम्मीदवार की घोषणा कर सकते हैं. चुनाव से इस दोनों नेताओं की मुलाकात से प्रदेश की सियासी हचलच बढ़ गई है.

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जेल के बाहर भारी संख्या में  सपा जुटे कार्यकर्ता

गौरतलब है कि जबसे दूसरी बार आजम खान यहां बंद हैं तबसे लेकर अभी तक अखिलेश की जेल में यह पहली मुलाकात है. उनके पहुंचने से पहले जेल के बाहर बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता जुट गए थे. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए यहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी. अखिलेश का काफिला सीधे जेल परिसर के अंदर चला गया. यहां पत्रकारों ने अखिलेश यादव से बात करने की कोशिश की. हालांकि उन्होंने बातचीत करने से इनकार कर दिया. इस दौरान सपा प्रमुख के साथ पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक अनूप गुप्ता और रामपुर से सपा अध्यक्ष भी मौजूद रहे.

आजम खान, पत्नी और बेटे को 7-7 साल की सजा

बता दें कि पिछले साल फेक जन्म प्रमाण पत्र मामले में सपा नेता आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार देते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई गई थी. फेक बर्थ सर्टिफिकेट का यह केस साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है. तब अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

हाई कोर्ट पहुंचा था मामला

चुनावी नतीजों के बाद उनके खिलाफ हाई कोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया था. उन पर आरोप लगाया गया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है. आरोप था कि अब्दुल्ला विधायक का चुनाव लड़ने की उम्र का पैमाना पूरा नहीं करते हैं. शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र में 30 सितंबर 1990 है. यह मामला हाई कोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी. अब्दुल्ला आजम की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था.

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