Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आज बुधवार को बीजपी ने उम्मीदवारों की 10वीं लिस्ट जारी कर दिया है. जिसमें पश्चिम बंगाल के आसनसोल और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर समेत कुल 9 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. चंडीगढ़ से किरण खेर का टिकट काटकर पार्टी ने संजय टंडन को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काट कर इलाहाबाद सीट से नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार बनाया गया है.
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ से दो बार की सांसद किरण खेर का टिकट काटकर पार्टी ने यहां से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन को उम्मीदवार बनाया है. किरण खेर 2014 और 2019 में दो बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी की जगह नीरज त्रिपाठी को भाजपा ने टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है.
किस आधार पर कटा टिकट?
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के कुछ दिनों पहले बीजेपी के इस लिस्ट की काफी चर्चा है. इसकी वजह ये है कि पार्टी ने इलाहाबाद से मौजूदा सासंद रीता बहुगुणा जोशी और चंदीगढ से किरण खेन का टिकट कटना. ऐसे में लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी ने किस वजह से इस इनका टिकट कटा है. राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, चुनाव से पहले पार्टी ने इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में एक सर्वे कराया था. उस सर्वे का नतीजा रीता बहुगुणा जोशी के पक्ष में नहीं था, जिसको देखते हुए पार्टी ने उनका टिकट काटने का फैसला लिया.
वहीं दूसरी ओर इस बात की भी चर्चा है कि बीजेपी एनडीए के 400 के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के नाम के फैसले पर फूंक-फूंक के कदम रख रही है. बीजेपी उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में से किसी भी एक सीट को खोना नहीं चाहती हैं. जिसको देखते हुए पार्टी नए उम्मीदवारों के भरोसे चुनावी मैदान में जाने की तैयारी कर रही है.
कई नेता पेश कर रहे थे दावेदारी
चंडीगढ़ से सांसद किरण खेर सहित कई नेता प्रत्याशी बनने के लिए दावेदारी कर रहे थे. भाजपा ने दो बार की सांसद किरण खेर का टिकट काटते हुए संजय टंडन को इस बार मौका दिया है खेर के अलावा टिकट के लिए पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद पूर्व मेयर अनूप गुप्ता और संदीप संधू भी दौड़ में शामिल थी. लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से ही चंडीगढ़ में इस बार लोकल को प्रत्याशी बनाए जाने की मांग हो रही थी विपक्ष सांसद किरण खेर पर इसीलिए लगातार हमलावर था कि वह शहर में कम रही.
इसके बाद से शहर वासी भी लगातार यह मांग कर रहे थे कि चंडीगढ़ में अब जो भी सांसद बने वह लोकल हो भाजपा भी इसको लेकर लोगों से लगातार सर्वे करवा रही थी और उनकी राय जान रही थी इन सभी बातों को देखते हुए संजय टंडन को मौका दिया गया.