Lok Sabha Election: सरगुजा संभाग की धरती पर 10 साल में चौथी बार आ रहे हैं पीएम मोदी, आदिवासी समुदाय को साधने की करेंगे कोशिश
Lok Sabha Election: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरगुजा संभाग की धरती पर पिछले 10 साल में चुनाव प्रचार के लिए तीन बार आ चुके हैं. इस बार सरगुजा लोकसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज के पक्ष में वोट मांगने के लिए 24 अप्रैल को आ रहें हैं, वहीं छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद एक बार भी सरगुजा लोकसभा सीट में भाजपा चुनाव नहीं हारी है. प्रधानमंत्री यहां 2014 के लोकसभा चुनाव व 2018 के विधानसभा चुनाव के साथ 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री यहां आदिवासी वोटरों को लुभाने और मोदी गारंटी का एहसास करा सकते हैं, तो वे यहां से कोरबा लोकसभा सीट तक के मतदाताओं को भी साध सकते हैं. प्रधानमंत्री यहां एक घंटे रहेंगे और इस बीच सभा में वे करीब 70-80 हजार लोगों को सम्बोधित करेंगे. वहीं पीएम की सुरक्षा के डेढ़ हजार पुलिस जवानों और अफसरों की तैनाती रहेगी. इस पर डीजीपी अशोक जुनेजा ने यहां अफसरों की बैठक लेकर तैयारी का जायजा लिया तो एसपीजी के अफसर भी सुरक्षा व्यवस्था को देख चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां जब नरेंद्र मोदी प्रचार करने पहुंचे थे, तब भाजपा ने उनके लिए प्रतीकात्मक रूप से लाल किला बनवाया था, जहां से उन्होंने सम्बोधित किया था. इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री बनने के बाद दिल्ली में लाल किला से भाषण दिया था. वहीं मोदी के आगमन पर यहां पार्टी नेताओं ने भी तैयारी शुरू कर दी है और लोगों की भीड़ अधिक से अधिक हो इसके लिए विधायकों से लेकर तमाम नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
टिकट नहीं मिलने से नाराज मंत्री ने हिदायत के बाद प्रत्याशी से की मुलाक़ात
वहीं भाजपा का एक आदिवासी नेता चिंतामणि महाराज को टिकट देने से अंदरखाने में नाराज दिख रहे थे, इसकी जानकारी जैसे ही आलाकमान को मिली, प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए पार्टी के सीनियर नेताओ ने उन्हें सख्त हिदायत देते हुए भाजपा को जीताने के लिए काम करने निर्देश दिया और दो टूक में कहा गया कि पार्टी स्तर पर चुनाव में आपने क्या काम किया इसका आंकलन कर रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जायेगा. इसके बाद आदिवासी नेता सीधे भाजपा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज को एक होटल में बुलाकर मुलाक़ात किये और चुनाव में पूरा साथ देने और मोदी के आगमन पर सक्रिय होकर काम करने की बात कही. ये नेता छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री भी हैं और वे चाहते थे कि गोड़ समाज से उम्मीदवार बनाया जाये लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसकी वजह से वे नाराज चल रहे थे लेकिन दावा किया जा रहा है कि उन्हें अब मना लिया गया है.
गोड़ जनजाति के नेता हो रहे एकजुट, चुनाव में होगा असर
वहीं जातिगत समीकरण देखें तो गोड़ जनजाति से आने वाले नेता जो अलग अलग पार्टी में काम करते हैं, वे अंदरखाने में एक जुट हैं और सामाजिक स्तर पर उनकी बैठक हो रही है. बैठकों में तय किया जा रहा है कि गोड़ जनजाति से आने वाली कांग्रेस की उम्मीदवार शशि सिंह को मौका दिया जाये, ऐसे में भाजपा गोड़ जनजाति के आदिवासी नेताओं की लामबंदी को तोड़ पाती है या नहीं और नहीं तोड़ पाने की स्थिति में चुनाव पर क्या असर पड़ेगा, यह साफ नहीं है.
रेणुका सिंह कोरबा में कर रही प्रचार
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद हुए चार लोकसभा चुनाव में हर बार भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदला और इस बार तो प्रत्याशी बदलने के साथ ही वर्तमान सांसद रेणुका सिंह खुद सरगुजा लोकसभा सीट में प्रचार करते नहीं दिख रहीं हैं, क्योंकि पार्टी ने उन्हें कोरबा लोकसभा सीट में प्रचार की जिम्मेदारी सौंप दी है, इसे कांग्रेस यहां मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है और आरोप लगा रही है कि पांच साल उनके निष्क्रिय रहने की वजह से उन्हें सरगुजा लोकसभा सीट में प्रचार से भी दूर रखा गया है.