Lok Sabha Election: क्यों हाई प्रोफाइल सीट है महासमुंद? जानिए पूरा जातीय समीकरण

Lok Sabha Election: महासमुंद लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार विधानसभा क्षेत्र सरायपाली, खल्लारी, धमतरी और बिन्द्रानवागढ़ पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, चार विधानसभा क्षेत्रों में महासमुंद, बसना, राजिम और कुरूद पर बीजेपी का कब्जा है.
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पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और रूपकुमारी चौधरी

Lok Sabha Election: महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में 3 जिले शामिल है, जिसमें धमतरी, गरियाबंद और महासमुंद है. महासमुंद लोकसभा के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार विधानसभा क्षेत्र सरायपाली, खल्लारी, धमतरी और बिन्द्रानवागढ़ पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं, चार विधानसभा क्षेत्रों में महासमुंद, बसना, राजिम और कुरूद पर बीजेपी का कब्जा है. इन तीनों जिलों में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 90 हजार है. इसमें 8 लाख 60 हजार पुरुष मतदाता और 8 लाख 90 हजार महिला मतदाता शामिल हैं.

क्यों हाईप्रोफाइल सीट है महासमुंद

छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से महासमुंद लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट है, क्योंकि इस सीट पर कई दिग्गजों का कब्जा रहा है. यहां साल 1952 से अब तक कुल 19 चुनाव हुए हैं, जिसमें महासमुंद लोकसभा सीट पर 12 बार कांग्रेस का कब्जा रहा है. कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल सात बार महासमुंद से चुनाव जीतकर केंद्र में वरिष्ठ मंत्री रहे हैं. साथ ही अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार महासमुंद से चुनाव जीत चुके हैं. इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के पहले सीएम अजीत जोगी साल 2004 के लोकसभा चुनाव में महासमुंद लोकसभा सीट से जीत हासिल किए थे. अजीत जोगी के बाद साल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महासमुंद की सीट पर कब्जा किया है.

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महासमुंद सीट में रूपकुमारी चौधरी और ताम्रध्वज साहू के बीच मुकाबला

बीजेपी की तरफ से इस बार उम्मीदवार रूप कुमारी चौधरी हैं, वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को मैदान में उतारा गया है. दिग्गज नेता को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस पूरा दमखम चुनाव जीतने के लिए लगा रही है. महासमुंद लोकसभा सीट को छत्तीसगढ़ की राजनीति का केंद्र कहा जाता है.

महासमुंद लोकसभा सीट का जातीगत समीकरण

महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां 51 फीसद मतदाता अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं. इनमें साहू, कुर्मी, अघरिया, यादव और कोलता समाज की बहुलता है. अनुसूचित जनजाति के वोटर लगभग 20 फीसद हैं. अनुसूचित जाति के वोटर लगभग 11 फीसद हैं. अनारक्षित वर्ग के लगभग 12 फीसद मतदाता हैं. इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि महासमुंद लोकसभा सीट अन्य पिछड़ा वर्ग बाहुल क्षेत्र है. यही कारण है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने यहां से ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. कांग्रेस से पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू तो बीजेपी से रूप कुमारी चौधरी दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं. वहीं कांग्रेस का यह भी मानना है कि बड़े कांग्रेसी नेताओं को एक खास रणनीति के तहत टिकट दिया गया है. जिसका प्रभाव भी चुनाव में देखने को मिलेगा. ताम्रध्वज साहू के राजनीतिक सफर की बात करें तो चार बार विधानसभा चुनाव और एक बार सांसद का चुनाव जीत चुके हैं. वही रूप कुमारी चौधरी भी ओबीसी वर्ग से आती हैं. रूप कुमारी चौधरी 2013 से 2018 तक बसना के विधायक रह चुके हैं.

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