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MP News: दूसरे चरण में प्रदेश में पिछली बार से 9 फीसदी कम वोटिंग, मत प्रतिशत घटने से टेंशन में राजनीतिक दल

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कम मतदान ने राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है.

Lok Sabha Election 2024: मध्य ह प्र समेत देशभर में पहले चरण में लोकसभा की 102 तो दूसरे चरण में 88 सीटों पर मतदान संपन्न हो चुका है. लेकिन इस बार देशभर में वोटिंग परसेंटेज घटना कहीं ना कहीं चिंता और चर्चा का मुद्दा बना हुआ है. सूत्रों की माने तो भाजपा केंद्रीय संगठन से लेकर प्रदेश के नेता तक वोटिंग परसेंटेज घटने के इस ट्रेंड पर खासे चिंतित हैं. लेकिन रणनीति के तहत तय किया गया है इसे मुद्दा है, ऐसा ना जाहिर किया जाए. यही वजह है कि जब भी भाजपा के नेताओं से इस पर मीडिया बात करता है तो वह बहुत गंभीर मुद्दा ऐसे नहीं मानते. हालांकि कांग्रेस ऐसे अपने फेवर में बताते हुए खासी उत्साहित है. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि प्रदेश में लगभग 5 से 6 सीटें उसे मिलने जा रही हैं.

समझिए दूसरे चरण में कैसी रही तस्वीर

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में एमपी की 6 सीटों पर 58 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है. पिछली बार इन 6 सीटों पर औसत 67 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस लिहाज से करीब 9 फीसदी कम वोटिंग हुई. पहले चरण की 6 सीटों पर भी 2019 के चुनाव की तुलना में 8 फीसदी वोटिंग कम हुई. दूसरे चरण के इन 6 संसदीय क्षेत्र में आने वाली 47 विधानसभा सीटों पर 5 महीने पहले हुए चुनाव से भी 17 फीसदी कम वोटिंग हुई. इन 47 सीटों में से 40 सीटों पर भाजपा और 7 सीटों पर कांग्रेस विधायक है.

कम मतदान ने बढ़ाई राजनीतिक दलों की चिंता

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि, पहले चरण में कम वोटिंग के बाद राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में वोटिंग बढ़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया था, लेकिन वे कामयाब होते नहीं दिखाई दिए. माना जा रहा था कि दूसरे चरण में पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा वोटिंग होगी. लेकिन, इस मतदान ने भाजपा ही नहीं, कांग्रेस की भी धड़कनें तेज कर दी हैं.

सीधा सा मतलब यह है कि भाजपा, कांग्रेस समेत तमाम पार्टियां जिन मुद्दों को चुनाव में भुनाना चाहती हैं, वे जनता को रास नहीं आ रहे हैं या जनता उनको लेकर उत्साहित नहीं है. राजनीतिक विश्लेषक गर्मी का मौसम, शादियों का सीजन, खेती-किसानी के काम की वजह से कम वजह मान रहे.

दूसरे चरण में भी 2019 की तुलना में 2024 में है 10 फ़ीसदी का अंतर

दूसरे चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद शाम 6 बजे निर्वाचन आयोग से जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे कम वोटिंग रीवा में 49.44 फीसदी हुई है. जो पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 10 फीसदी से भी कम है. साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो रीवा में 18 फीसदी वोटिंग कम हुई. वहीं सबसे ज्यादा 67.16 वोटिंग होशंगाबाद लोकसभा सीट पर हुई है. हालांकि, ये भी पिछले लोकसभा चुनाव से 7 फीसदी कम है. पिछली बार यहां 74.19% वोटिंग हुई थी. विधानसभा चुनाव के मुकाबले भी होशंगाबाद लोकसभा सीट पर वोटिंग 17 फीसदी कम हुई है. इस लोकसभा सीट से प्रदेश सरकार में तीन मंत्री आते हैं. इसी तरह खजुराहो से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर भी विधानसभा चुनाव के मुकाबले वोटिंग करीब 12 फीसदी घटी है. जबकि भाजपा ने हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का नारा दिया था.

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2019 लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने से BJP को हुआ था फायदा

चुनावी विश्लेषकों और एक्सपर्ट का कहना है कि 2014 के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव में वोटिंग बढ़ने से बीजेपी को फायदा हुआ था. बीजेपी ने बड़े मार्जिन से ये सभी सीटें जीती थीं. लेकिन, इस बार कम वोटिंग पर्सेंट दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए खतरे की घंटी है.

कम वोटिंग पर्सेंट पर राजनीति दलों की प्रतिक्रिया है कि यह तो फायदे की बात है

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अनुसार लोगों का रुझान बीजेपी की तरफ है. पहले और दूसरे चरण की 12 में से 12 सीटें बीजेपी जीत रही है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि कम वोटिंग पर्सेंट के मायने अमित शाह जानते हैं. लोग उदासीन है और मौजूदा सरकार की रीति-नीति से नाराज भी.

चुनाव आयोग को भी नही पता, जनता क्यों हो रही है पोलिंग बूथ से दूर

इधर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि चुनाव आयोग ने पूरी तैयारी की थी यह लोगों से पूछना चाहिए कि क्यों मतदान कम हुआ है सभी तरीके का प्रशासन ने लोगों से अपील की है.

मध्य प्रदेश में पहले चरण कि यह थी तस्वीर

मध्य प्रदेश में पहले चरण के रण में 6 लोकसभा सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा में मतदान हुआ. अगर वोटिंग परसेंटेज देखा जाए तो देशभर में इन 102 सीटों पर कुल 62% मतदान हुआ. वहीं अगर मध्य प्रदेश की 6 सीटों की बात की जाए तो 67.08% वोटिंग हुई. वर्ष 2019 से अगर तुलना की जाए तो इस बार लोकसभा की इन 6 सीटों पर वोटिंग परसेंटेज घटा है.

लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में 2024 में क्या रही तस्वीर

First Phase

सीट—2019—2024
छिंदवाड़ा—82.42%—79.18%
मंडला—77.76%—72.92%
बालाघाट—77.61%—72.66%
सीधी—69.50%—56.18%
शहडोल—74.73%—64.11%
जबलपुर—69.43%—60.52%

Second Phase

सीट —- 2019— 2024
खजुराहो—60.20%—56.91%
दमोह—65.82%—56.33%
टीकमगढ़—66.57%—59.23%
सतना—70.71%—61.33%
रीवा—-60.33%—49.44%
होशंगाबाद—74.19%—66.72%

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