PM Modi Interview: ‘वन नेशन, वन इलेक्शन हमारी प्रतिबद्धता’, पीएम मोदी का बड़ा बयान, बोले- इस रिपोर्ट को लागू कर पाए तो देश को होगा फायदा

PM Modi Interview: न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा है. अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने सनातन, राम मंदिर , रूस-यूक्रेन, इलेक्टोरल बॉन्ड और भारत के विकास का रोड मैप समेत कई मुद्दों पर बात की.
PM Modi Interview

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM Modi Interview: लोकसभा चुनाव के लिए पहले मतदान में सिर्फ 4 दिन बचे हैं. इसके लिए देशभर में चुनावी रंग पूरी तरह से चढ़ चुका है. राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के पक्ष में लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(PM Modi) भी देश के अलग-अलग राज्यों में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं और पार्टी के पक्ष में लोगों से वोट करने की अपील भी कर रहे हैं. इस कड़ी में पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों और कई मुद्दों पर बातचीत की है. पीएम मोदी ने सबसे पहले देशवासियों को राम नवमी की बधाई दी.

पहला सवाल- 2024 आपका लक्ष्य नहीं है, 2047 है. 2047 तक क्या होने वाला है? क्या ये चुनाव महज एक फॉर्मेलिटी है?

जवाब- 2047 को और 2024 को मिलाना नहीं चाहिए. जब देश अजादी का 75 साल, अमृत काल मना रहा है. उसी समय मैंने यह कहता था कि 2047 देश के आजादी का 100 साल होगा. तो ऐसे मील के पत्थर नया उत्साह भरते हैं. इसलिए यह एक मौका है कि हम 75 साल पर खड़े हैं और 100 साल पहुंचने वाले है. इस 25 साल में हम सर्वाधिक उपयोग करे? देश में एक प्रेरणा जगनी चाहिए. यह अपने आप में बहुत इंस्पिरेशनल है. लोकतंत्र में हमें चुनाव को लाइट नहीं लेना चाहिए. यह एक महापर्व है. इसे उत्सव के रूप में मनाना चाहिए. एक कांग्रेस सरकार का मॉडल है और एक बीजेपी सरकार का मॉडल है. उनका 5-6 दशक का काम और मेरा सिर्फ 10 साल का काम. किसी भी क्षेत्र में कंपैरिजन करिए, अगर कुछ कमियां होंगी , तो भी हमारे एफर्ट्स में कमी नहीं रही होगी. हर पैरामीटर पर कांग्रेस के मॉडल से ऐसा मॉडल नजर आ रहा है कि हां हम इस रास्ते पर चलेंगे और गति भी बढ़ानी है मुझे. जब देशवासी जिम्मेदारी देते हैं तो तब सिंगल माइंडेड फोकस होना चाहिए-देश. देश के लोग दुर्भाग्य से पहले की राजवीतिक कल्चर ने परिवर को कैसे मजबूत बनाना, कोई परिवार की जड़ों को उखाड़ न दे, उसी में शक्ति लगाते रहे. जबकि मैं देश की मजबूती हो, इसी एक लक्ष्य को लेकर के काम कर रहा.

दूसरा सवाल- 2047 तक किस तरह ये विजन सक्सेसफुल होगा, क्या आपका गेम प्लान है?

जवाब- जब मैं यह कहता हूं कि मेरे मन में बहुत बड़े-बड़े प्लान है और उसके लिए बड़े-बड़े फैसले भी लेने हैं. तो इससे किसी को डरने की जरूरत नहीं है. मेरे निर्णय किसी को डराने के लिए नहीं. मेरे फैसले देश के सर्वांगीण विकास के लिए है. देश के जनकल्याण के लिए है. युवाओं के एस्पिरेशंस के लिए. मैं देर नहीं करना चाहता हूं. मैं समय बिगाड़ना नहीं चाहता. दूसरी बात है कि ज्यादातर सरकारों का स्वभाव होता है कि हमने तो सबकुछ कर दिया, हम तो सबकुछ करते हैं. मैं नहीं मानता हूं कि मैंने सबकुछ कर लिया. मैंने ज्यादा से ज्यादा करने का प्रयास किया है. सही दिशा में जाने का प्रयास किया है. फिर भी बहुत कुछ है कि मुझे अभी भी करना है. क्योंकि मैं देखता हूं कि देश की कितनी आवश्यकताएं हैं. हर परिवार का सपना, वो सपना कैसे पूरा हो, ये मेरे दिल में पड़ा हुआ है और इसलिए मैं कहता हूं कि जो हुआ है, वो ट्रेलर है. आपको अच्छा लगा है. लेकिन मैं बहुत अधिक करना चाहता हूं. 2047 के विजन की जो बात है. एक तो मैं लंबे समय तक सीएम रह कर आया हूं और मैं अनुभव करता था कि बार-बार चुनाव आचार संहिता, किसी राज्य में चुनाव हो तो मेरे राज्य से 40-50 अच्छे अफसर चले जाते थे. तो मैं इसे वेकेशन के रूप में नहीं मानता, इसलिए मैं उनको पहले से ही अगली सरकार के लिए काम दे देता हूं. उस समय भी मैं 100 दिन का प्लान करता हूं. मैं पिछले 2 साल से 2047 के लिए काम कर रहा हूं. उसके लिए मैं देशभर में लोगों के ओपिनियन मांगे. शायद 15 लाख से अधिक सुझाव आए. मोदी का विजन मेरी बपौती नहीं है, इसमें 15-20 लाख लोगों के विचारों को समाहित किया गया है.

तीसरा सवाल- वन नेशन, वन इलेक्शन का सवाल

जवाब-  एक राष्ट्र एक चुनाव हमारी प्रतिबद्धता है. कई लोगों ने समिति को अपने सुझाव दिए हैं. बहुत सकारात्मक और नवोन्मेषी सुझाव आए हैं. अगर हम इस रिपोर्ट को लागू कर पाए तो देश को बहुत फायदा होगा. हमने संसद में भी बात की है. हमने एक समिति भी बनाई है. समिति की रिपोर्ट भी आ गई है. इसलिए एक राष्ट्र एक चुनाव के संदर्भ में, कई लोग देश में कई लोगों ने अपने सुझाव दिए हैं. अगर हम इस रिपोर्ट को लागू कर पाए तो देश को बहुत फायदा होगा.’

चौथा सवाल- एक टर्म मोदी की गारंटी काफी लोकप्रिय हो रही है. लोग कह रहे हैं कि उम्मीदवार जरूरी नहीं है, वोट तो सिर्फ मोदी को जा रहा. इलेक्शन के दौरान टर्मनोलॉजी इंपार्टेंट होती है?

जवाब- चुनाव में उम्मीदवार नहीं, हर मतदाता इम्पोर्टेंट होता है. बूथ लेवल का कार्यकर्ता भी जरूरी होता है. प्रत्याशी भी उतना ही इंपार्टेंट होता है. यह कह देना कि किसी का कोई महत्व नहीं, गलत है. नहीं तो इतना बड़ा चुनाव ही नहीं होता. जहां तक गारंटी का सवाल है, शब्दों के प्रति जो कमिटमेंट होना चाहिए. एक नेता के वीडियो इन दिनों में बाजार में घूम रहे हैं, उनका एक विचार, एक दूसरे से विरोधाभासी है. लोग देखकर कहते हैं कि यह आदमी हमें इतना मूर्ख बनाता था, आंख में धूल झोकता था. अभी एक नेता ने कहा कि मैं एक झटके में गरीबी हटा दूंगा. अब जिनको 5-6 दशक शासन करने को मिला, वह जब कहेंगे कि एक झटके में गरीबी हटा देंगे तो देश सोचता है कि क्या बोल रहे हैं ये. पॉलिटिकल लीडरशिप पर प्रश्नचिह्न लग रहा है.

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