Congress Manifesto: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने घोषणापत्र जारी किया. इसके बाद से बीजेपी विपक्षी पार्टी पर हमलावर हो गई है. पीएम मोदी ने जोरदार हमला बोलते हुए कांग्रेस के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा बता दिया और कहा कि दस्तावेज के हर पन्ने से भारत को तोड़ने की कोशिशों की बू आती है. बीजेपी अब कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर घेरने में जुट गई है.
पीएम मोदी ने एक रैली के दौरान कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वही सोच झलकती है जो आजादी के आंदोलन के समय मुस्लिम लीग में थी. हालांकि, अब बीजेपी साल 1936 के घोषणापत्र और कांग्रेस के 2024 के घोषणाप6 के तीन बिंदुओं की तुलना कर रही है.
बीजेपी ने ऐसे की मुस्लिम लीग से तुलना
बीजेपी के अनुसार 1936 में मुस्लिम लीग ने अपने मेनिफेस्टों में कहा था कि वह मुस्लिमों के लिए शरिया व्यक्तिगत कानूनों (पर्सनल लॉज) की रक्षा करेगी.
2024 में काग्रेस ने भी कहा है कि वह यह तय करेगी कि अल्पसंख्यकों के व्यक्तिगत कानून हो.
1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि वो बहुसंख्यकवाद के खिलाफ लड़ेंगी.
2024 में कांग्रेस ने कहा है कि भारत में बहुसंख्यकवाद के लिए कोई जगह नहीं है.
1936 में मुस्लिम लीग ने कहा था कि हम मुस्लिमों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप और नौकरियों के लिए संघर्ष करेंगे.
2024 में कांग्रेस ने कहा है कि हम इंश्योर करेंगे कि मुस्लिम छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिले.
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कांग्रेस ने किया पलटवार
अब कांग्रेस ने बीजेपी पर पलटवार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि मोदी-शाह के राजनीतिक और वैचारिक पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम में भारतीयों के खिलाफ ब्रिटिश और मुस्लिम लीग का समर्थन किया था.मोदी-शाह के वैचारिक पूर्वजों ने 1942 में सहाल्ला गांधी के भारत छोड़ो आहान का विरोध किया था, जो मौलाना आजाद की अध्यक्षता में किया गया आंदोलन था.