Vistaar NEWS

MP Assembly Session: प्रदेश में 1 लाख 36 हजार कुपोषित बच्चे, 8 से 12 रुपये बच्चों पर खर्च किय जा रहा, सरकार ने दिए आंकड़े

File Photo

File Photo

MP Assembly Monsoon Session: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज 6वां दिन है. सत्र के दौरान प्रदेश में कुपोषित बच्चों को लेकर चर्चा की गई. कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने बताया कि सरकार कुपोषित बच्चों पर केवल 8-12 रुपये ही खर्च कर रही है. जबकि आदिवासी जिलों में 4 में से 1 बच्चा कुपोषित है. ऐसे में सरकार को हर बच्चे पर प्रतिदिन 40 रुपये खर्च करने चाहिए. इस समय प्रदेश में कुल एक लाख 36 हजार बच्चे कुपोषित हैं.

‘आदिवासी और कुपोषित बच्चों से हो रहा है भेदभाव’

मध्य प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के 6वें दिन प्रदेश में कुपोषित बच्चों का मुद्दा उठाया गया. कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया ने प्रदेश में कुपोषण को लेकर सवाल पूछा था. सरकार की ओर से पेश आंकड़े में बताया गया कि धार, खरगोन, बड़वानी, छिंदवाड़ा और बालाघाट जैसे आदिवासी जिले में हर 4 में से 1 बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित है.

इसको लेकर विक्रांत भूरिया ने कहा, ‘सरकार आदिवासी और कुपोषित बच्चों के साथ भेदभाव कर रही है. मंत्रियों के एक दिन के नाश्ते पर 19 हजार रुपये का ड्राइ फ्रूट मंगवाया जाता है. लेकिन कुपोषित बच्चों के लिए सरकार सिर्फ 8 रुपये दे रही है. सरकार को हर कुपोषित बच्चे के लिए 40 रुपये हर दिन के हिसाब से देना चाहिए. प्रदेश नें 1 लाख 36 हजार कुपोषित बच्चे हैं. इनमें से 29 हजार 830 गंभीर रूप से कुपोषित हैं. ये राष्ट्रीय औसत दर 5.40 से ज्यादा यानी 7.79 है.’

आदिवासियों के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, अजय सिंह, डॉ. हिरालाल अलावा ने प्रदेश के आदिवासी जिलों में वन अधिकार के दावेदारों के प्रकरणों को खारिज कर बेदखल करने से उत्पन्न स्थिति का मुद्दा ध्यान आकर्षण में उठाया.

इसके अलावा खाद का मुद्दा भी सदन में गूंजा. कटनी से बीजेपी विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि जब किसान को जरूरत होती है, तब निजी दुकानदारों को खाद दिया जाता है और जब कम जरूरत होती है तो सहकारी समितियों को दिया जाता है. जो अधिकारी खाद आवंटन में गड़बड़ी करते हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.

कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने कहा एमपी में कही खाद की कोई समस्या नहीं है, 14 लाख मीट्रिक टन खाद सरकार के पास आया. जिसमें से 12 लाख मीट्रिक टन किसानों को दिया गया है.

ये भी पढे़ं: MP Monsoon: एमपी में मानसून का कहर, अब तक 275 लोगों की मौत, 432 पशुओं की मौत, 2000 से ज्यादा लोग घर छोड़ने को मजबूर

Exit mobile version