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Balaghat: ‘बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ’ के नाम पर 5 करोड़ की ठगी; 550 रुपये जमा कराकर शादी में एक लाख देने का झांसा देते थे

5 crore fraud in the name of Beti Bachao Yojana in Balaghat.

बालाघाट में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर 5 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है.

Beti Bachao-Beti Padhao’ Fraud: मध्यप्रदेश के बालाघाट में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर 5 करोड़ से ज्यादा की ठगी की गई है. यह ठगी मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए की गई है. इसके लिए पे-टू-पे फाउंडेशन नाम की संस्था का मेंबर बनाया जाता था. इसके बाद मल्टीलेवल मार्केटिंग का सहारा लेकर लोगों से 550 रुपये की रसीद कटवाई जाती था. इसके बदले में बेटी की शादी में एक लाख रुपये और गिफ्ट देने का झांसा दिया जाता था.

देशभर में एक लाख लोगों को बनाया शिकार

बालाघाट पुलिस ने रविवार को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर 5 करोड़ की ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया. मामले में 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. पे-टू-पे फाउंडेशन नाम की संस्था बालाघाट में 14 हजार जबकि देशभर में 93 हजार लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुकी है. हालांकि संस्था का अध्यक्ष अभी भी फरार है.

बेटी की शादी में एक लाख देने का देते थे झांसा

पे-टू पे फाउंडेशन संस्था के जरिए आरोपी मल्टीलेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों से 550 रुपए की रसीद कटवाकर मेंबर बनाते थे. इसके बदले में बेटी की शादी में एक लाख रुपये और गिफ्ट देने का वादा करते थे. साथ ही दुर्घटना होने पर भी धनराशि देने का भी झांसा देते थे.

एजेंट की शिकायत पर हुआ खुलासा

पे-टू पे फाउंडेशन संस्था की एक एजेंट की शिकायत के बाद ही जालसाजों की ठगी का पता चला. बालाघाट के वारासिवनी की रहने वाली एजेंट रंजीता फुलमारी ने 9 मार्च को पुलिस से शिकायत की थी. रंजीता ने बताया कि उन्होंने खुद संस्था के लिए 25 सदस्य बनाए है. आरोपी 17 चेन लेवल पर एजेंट बनाने के लिए एक करोड़ के कमीशन का लालच देते हैं. इसके बाद पुलिस ने जब जांच शुरू की तो 5 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया.

राजस्थान का रहने वाला है संस्था का अध्यक्ष

पुलिस ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के नाम पर ठगी करने वाले 5 में से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शहपुरा तहसील के महिपाल सिंह शेखावत, जयपुर के कैलाश जागिंड, बालाघाट के शंकर परिहार और हरीश मेश्राम को गिरफ्तार किया है. जबकि जयपुर का रहने वाला संस्था का अध्यक्ष प्रभुदयाल शर्मा अभी भी पुलिस की गिरफ्तार से दूर है.

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