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मध्य प्रदेश के 64 लाख अमीर ले रहे BPL का राशन, 25 लाख से अधिक फर्जी राशन कार्ड, बालाघाट में सबसे ज्यादा मामले

Chhattisgarh ration shops stock stopped due to non-KYC of cardholders

सांकेतिक तस्वीर

MP News: मध्य प्रदेश में सार्वजनिक वितरण सिस्टम (पीडीएस) में फर्जीवाड़ा और धांधली रोकने के लिए प्वॉइंट ऑफ सेल मशीन से अनाज और दूसरी जरुरत का सामान ग्राहकों को दिया जा रहा है. इसके बावजूद भी पात्र व्यक्ति तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 64 लाख ऐसे लोग हैं जो गरीबों का राशन ले रहे हैं.

ऐसे लोग भी शामिल जिनका टर्नओवर 25 लाख रुपये

पीडीएस सिस्टम, गरीबों के लिए जीवनदान की तरह है. बाजार से कम दर पर अनाज, मसाले और नमक जैसे रोजाना जरूरत का सामान मिलता है. कई ऐसे लोग भी हैं जो बीएपीएल कार्ड का फर्जी तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें एक हेक्टेयर से ज्यादा भूमि के मालिक कंपनी डायरेक्टर जिनकी सालाना आय 6 लाख रुपये से अधिक है और 25 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले GST रजिस्टर्ड व्यापारी भी शामिल हैं.

28 श्रेणियों में सरकार अनाज देती है

प्रदेश के लगभग 1.28 करोड़ परिवारों को 28 श्रेणियों में राज्य सरकार अनाज देती है. हालांकि केवाईसी के बाद 20 लाख नामों को हटाया गया है. फिलहाल 5.23 करोड़ लोगों को राशन मिल रहा है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल की आबादी लगभग 23.68 लाख है और 3.03 लाख लोगों को अनाज दिया जाता है. इसके लिए हर महीने 12 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं.

बालाघाट में सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड

मध्य प्रदेश में साल 2014 से 2021 के बीच मध्य प्रदेश में 23.53 लाख फर्जी राशन कार्ड मिले. फर्जी राशन कार्ड की लिस्ट में सबसे ऊपर बालाघाट है, जहां 2.97 लाख फर्जी राशन कार्ड हैं. इसके बाद सागर, छिंदवाड़ा, राजगढ़, छतरपुर जैसे शहरों का नाम आता है.

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‘जिलों में जांच कराई जा रही है’

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आयुक्त कर्मवीर शर्मा का कहना है कि 4 जिलों में जांच कराई जा रही है. इसके बाद अन्य जिलों में भी जांच कराई जाएगी. केंद्र ने जो जानकारी दी है उसी आधार पर सर्वे कराया जाएगा.

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