MP News: प्रदेश सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) से पहले MSME की नई पॉलिसी के साथ ही भूमि आवंटन नियम और प्रोत्साहन की नई पॉलिसी लाने जा रही है. इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में स्थानीय उद्यमों के विकास, विदेशी निवेशकों को प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करना और रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है. इसी पॉलिसी में MSME के क्षेत्र में प्रोत्साहन सब्सिडी 700 से 1,100 करोड़ रुपये की जा रही है.
‘MSME के लिए पारदर्शी पॉलिसी बनाई जाएगी’
दो दिन पहले उद्योग मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने अलग-अलग व्यापारिक संघों से इस संबंध में बातचीत की. वर्तमान पॉलिसी में सुधार के लिए सुझाव भी मांगे थे. जानकारी के मुताबिक सरकार नए औद्योगिक क्षेत्रों के विकास और निर्यात संवर्धन पर मजबूत पहल करने जा रही है. मीटिंग में मंत्री ने यह भी कहा कि MSME में प्रोत्साहन के लिए और भी अधिक पारदर्शी नीति बनाई जाएगी. स्टार्ट-अप के साथ क्लस्टर के विकास का नया ईको सिस्टम बनेगा. यह नए उद्यमियों, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं की इकाइयों के लिए मददगार होगा.
निर्यात पर जोर, अगले हफ्ते बड़ी वर्कशॉप
उद्योग विभाग के अफसरों के मुताबिक अगले हफ्ते निर्यात बढ़ाने के लिए बड़ी वर्कशॉप होगी. जिला स्तर पर स्थापित निवेश सेंटर, वन स्टॉप सेंटर के रूप में उद्योगपतियों से निरंतर चर्चा की जा रही है. इसे और बढ़ाया जाएगा. कलेक्टर्स इस समिति को लीड करेंगे.
सब्सिडी बढ़ाकर 1,100 करोड़ रुपये की गई
MSME की प्रोत्साहन सब्सिडी को बढ़ाकर 700 से 1100 करोड़ रुपये कर दिया है. निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ट्रांसपोर्ट सब्सिडी, नवीकरणीय ऊर्जा मुख्य रूप से सोलर प्लांट को सहायता, जेड प्रमाणन को बढ़ावा देने, इंडस्ट्रियल अवशिष्ट के लिए सहायता एवं टेस्टिंग लैब को बढ़ावा देने के लिए भी सरकार काम विभिन्न संगठनों और करेगी.
लैंड ट्रांसफर पॉलिसी में भी बदलाव की तैयारी
औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने सरकार से अपेक्षा की है कि दोहरे कराधान को समाप्त किया जाए. भूखंड हस्तांतरण नीति को सरल किया जाए. महिला उद्यमियों द्वारा संचालित व्यवसायों को अधोसंरचना प्रदान करने, बड़े शहरों के साथ सभी जिलों में MSME के लिए नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने पर काम किया जाएगा. इसके साथ ही बड़े शहरों में बहुमंजिला औद्योगिक क्षेत्रों के निर्माण किए जाएंगे. वर्तमान उद्योगों की उत्पादन लागत कम करने गुणवत्ता बढ़ाने नई तकनीक अपनाई जाएगी. आधुनिकीकरण पर अतिरिक्त अनुदान प्रदान करने जैसे सुझाव भी दिए गए.