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MP News: न्याय के मंदिर में गूंजी किलकारी, दमोह जिला कोर्ट परिसर में जन्‍मा नवजात, नाम रखा वकील

Damoh District Court

दमोह जिला कोर्ट

रिपोर्ट- अर्पित बड़कुल दमोह

MP News: मध्य प्रदेश के दमोह जिला कोर्ट परिसर की गैलरी में मंगलवार दोपहर करीब 12:30 बजे एक भावुक और असाधारण दृश्य देखने को मिला. चोरी के मामले में बीते तीन महीने से जेल की सलाखों के पीछे बंद कैलाश वंशकार की पत्नी सपना ने नवजात शिशु को जन्म दे दिया. यह न्यायमूर्ति की चौखट पर गूंजी पहली किलकारी थी. महिला ने बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद मां और बच्चे दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.

जानकारी के मुताबिक कैलाश वंशकार सिविल वार्ड नंबर 3, कैदियों की तलैया नामक स्थान पर चोरी के मामले में तीन माह से बंद है. मंगलवार को उसे पेशी पर जिला न्यायालय में पेश किया गया था. इसकी जानकारी मिलने पर पत्नी सपना, उम्र 35 वर्ष, प्रसव पीड़ा से जूझती हुई अपने पति से मिलने के लिए कोर्ट पहुंची थी.

कोर्ट परिसर में बच्‍चे को दिया जन्‍म

कोर्ट परिसर में पहुंचते ही सपना को असहनीय पीड़ा हुई और उसने खुले में ही बच्चे को जन्म दे दिया. उस समय सपना के साथ उसकी जेठानी निशा मौजूद थी. घटना को देखते ही वहां मौजूद महिला वकीलों ने मानवीय संवेदना दिखाते हुए एक काली दीवार बनाकर महिला को ढक लिया, ताकि उसकी गरिमा और सुरक्षा बनी रहे.

जिस स्थान पर बच्चे का जन्म हुआ, वहां न्यायमूर्ति की चौखट और वकीलों की मौजूदगी थी. इसी कारण सपना ने अपने बच्चे को वकील कहकर पुकारा. बाद में सपना की चौथी संतान का नाम वकील ही रख दिया गया. इसके अलावा सपना की दो बेटियां और एक बेटा पहले से हैं, जो घर पर मौजूद हैं.

कोर्ट में हुआ कभी न भूलने वाला अनुभव

इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि यह जीवन का कभी न भूलने वाला अनुभव है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से वकालत करते हुए ऐसा दृश्य पहली बार देखा है. कोर्ट को न्याय का मंदिर कहा जाता है और उसी दिन इसी मंदिर में एक नवजात शिशु ने जन्म लिया. किलकारी गूंजने के बाद परिजनों ने चैन की सांस ली.

यह जिले की पहली ऐसी घटना थी, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. यह घटना लोगों के दिलों और दिमाग में गहराई से बैठ चुकी है और लंबे समय तक याद रखी जाएगी.

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