Ujjain News: हर साल महाशिवरात्रि से पहले 9 दिनों तक शिवनवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है. इसके साथ ही अलग-अलग दिन बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का शृंगार किया जाता है. महाशिवरात्रि के एक दिन बाद साल में एक बार भस्म आरती की जाती है. इस आरती में सम्मिलित होने के लिए श्रद्धालु देश और विदेश आते हैं.
शिवनवरात्रि का हुआ समापन
गुरुवार को महाकाल मंदिर में साल में एक बार होने वाली भस्म आरती को आयोजित किया. इस आरती में प्रदेश के साथ-साथ देश भर के श्रद्धालु शामिल हुए. ये आरती हर साल महाशिवरात्रि और शिवनवरात्रि के समापन का प्रतीक है. इसके लिए भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं.
अर्धनारीश्वर रूप में सजाया गया
महाशिवरात्रि और शिवनवरात्रि के समापन पर बाबा महाकाल को अर्धनारीशवर रूप में सजाया गया. बाबा का शृंगार भांग, हल्दी, ड्राईफ्रूट और सोने-चांदी के गहनों से किया गया. रजत मुकुट से सजाया गया. तरह-तरह की मिठाई और फलों का भोग लगाया गया. सप्तधान्य अर्पित किया गया. इस दिव्य अवसर पर भक्तों को भगवान के साथ आध्यात्मिक रूप और भक्ति का आनंद मिलेगा. सप्तधान्य में चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेहूं, जौ, साल और खड़ा उड़द था.
कई भक्तों को परेशानी का सामना करना पड़ा
साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए. वहीं वीआईपी भक्तों को प्राथमिकता देने के कारण आम जनता को कष्ट हुआ. दर्शन में देरी को लेकर लोगों में गुस्सा देखने को मिला. इसके साथ ही नंदी हॉल और चौखट दर्शन में विशिष्ट और अति विशिष्ट नागरिकों को प्राथमिकता दी गई. श्रद्धालुओं का कहना था कि हम यहां दो घंटे से खड़े हैं. लेकिन प्राथमिकता वीआईपी को दी जा रही है.
