Pollution: दीपों के त्योहार पर जोरदार आतिशबाजी हुई. रंग-बिरंगे पटाखों को जमकर जलाया गया, लेकिन इस जश्न और आतिशबाजी ने प्रदेश की हवा में जहर घोल दिया है. मध्य प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरानाक स्थिति में पहुंच गया है, जिस कारण प्रदेश के अधिकतर जिलों की हवा खराब हो गई है. 31 अक्टूबर की सुबह 9 बजे से 1 नवंबर की सुबह 9 बजे के बीच राज्य के कई जिलों में AQI 300 के पार पहुंच गया. सबसे ज्यादा खराब हवा ग्वालियर जिले में दर्ज की गई है.
MP में प्रदूषण ने बिगाड़ी हवा
दिवाली की रात हुई जोरदार आतिशबाजी के कारण प्रदेश में वायु प्रदूषण का स्तर कई गुना तक बढ़ गया. इस कारण कई जिलों की हवा खराब हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के 10 से ज्यादा शहरों में AQI 00 के पार पहुंचा, जो बेहद नुकसानदायक स्तर का माना जाता है. सुबह जब लोगों की नींद खुली तो आसमान में धुएं का गुबार भी नजर आया.
ग्वालियर की हवा सबसे ज्यादा खराब
31 अक्टूबर की सुबह 9 बजे से 1 नवंबर की सुबह 9 बजे के बीच MP के 10 से ज्यादा शहरों में AQI 300 के पार पहुंच गया. सबसे ज्यादा खराब हवा ग्वालियर की पाई गई. ग्वालियर के DD नगर में AQI 408 पर पहुंच गया.
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MP के अलग-अलग शहरों में वायु की गुणवत्ता-
- भोपाल (पर्यावास परिसर )- 305 AQI
- भोपाल (कलेक्ट्रेट ऑफिस क्षेत्र )- 222 AQI
- देवास-भोपाल चौराहा – 329 AQI
- ग्वालियर (DD नगर ) – 408 AQI
- ग्वालियर (महाराज बाड़ा )- 320 AQI
- इंदौर (छोटी ग्वालटोली )- 399 AQI
- जबलपुर – 335 AQI
- खंडवा- 323 AQI
- रतलाम – 365 AQI
- उज्जैन (महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र )- 321 AQI
बता दें कि इन सभी क्षेत्रों में PM 2.5 बहुत खराब स्थिति में पाया गया. PM 2.5 हवा में मौजूद ऐसे बारीक प्रदूषक कण हैं, जिनका व्यास 2.5 माइक्रोन या उससे कम होता है. यह आसानी से सांस लेते समय फेफड़ों तक पहुंच जाते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं.
मौसम विभाग के तय पैमाने के मुताबिक 0 से 50 के बीच AQI को अच्छा माना जाता है. वहीं, 51 से 100 के बीच AQI नॉर्मल, 101 से 200 AQI को मीडियम, 201 से 300 AQI को बैड, 301 से 400 के बीच के AQI को बहुत ही खराब और 401 से 500 के बीच के AQI को डेन्जर माना जाता है.