Vistaar NEWS

दिल्ली ब्लास्ट केस: अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी का महू वाला मकान अवैध, 3 दिन में हटाने का आदेश

Javed Siddiqui of Al-Falah University's house is illegal

अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी का महू वाला मकान अवैध

MP News: दिल्ली बम ब्लास्ट मामले में जिस अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम सामने आया है, उसके चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी के परिवार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. महू कैंटोनमेंट बोर्ड ने उनके परिवार के नाम दर्ज एक आवासीय संपत्ति को अवैध निर्माण बताते हुए बड़ा कदम उठाया है. मुकेरी मोहल्ला स्थित सर्वे नंबर 245/1245 पर बने मकान नंबर 1371 को अवैध घोषित कर बोर्ड ने नोटिस चस्पा किया है, जिसमें तीन दिनों के भीतर अनधिकृत हिस्से को हटाने का आदेश दिया गया है. चेतावनी दी गई है कि समय सीमा में कार्रवाई न होने पर बोर्ड खुद ढहाने की कार्रवाई करेगा और खर्च संबंधित पक्ष से वसूलेगा.

सिद्दीकी ने किया अवैध मकान का निर्माण

यह मकान करीब 860 वर्गफीट में बना तीन मंजिला ढांचा है, जिसमें बेसमेंट भी अवैध रूप से जोड़ा गया है. यह संपत्ति जवाद सिद्दीकी के पिता स्वर्गीय मौलाना हम्माद के नाम दर्ज है. कैंटोनमेंट इंजीनियर एच.एस. कालोया के अनुसार 1996 और 1997 में भी छावनी अधिनियम 1924 के तहत नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन बार-बार चेतावनी के बाद भी अवैध हिस्से नहीं हटाए गए. ताज़ा नोटिस में वर्तमान निवासियों या कानूनी वारिसों को तीन दिन की मोहलत दी गई है.

फरीदाबाद में रहता है जवाद का परिवार

सूत्रों के मुताबिक जवाद सिद्दीकी का परिवार करीब 25 साल पहले महू छोड़कर फरीदाबाद चला गया था, लेकिन मकान में कुछ लोग अभी भी रह रहे हैं, जिन्हें नोटिस थमाया गया है. हाल ही में जावेद के भाई हमूद अहमद सिद्दीकी को महू में 25 साल पुराने वित्तीय घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिससे परिवार पहले ही चर्चा में है.

ये भी पढे़ं- Delhi Blast: अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद सिद्दीकी को कोर्ट ने 13 दिनों तक ईडी की हिरासत में भेजा, PMLA के तहत हुई थी गिरफ्तारी

जवाद सिद्दीकी और हमूद सिद्दीकी पर भोपाल में दर्ज है FIR

दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी डॉक्टरों को पनाह देने वाले अल फ़लाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद सिद्दीकी पर भोपाल में भी 2 करोड़ की ठगी की FIR दर्ज है. जवाद सिद्दीकी और उसके भाई हमूद सिद्दीकी ने भोपाल में जनता को चूना लगाया था. 1997 से 2001 के बीच दोनों भाइयों ने करोड़ों की ठगी की थी. उन्होंने चिटफंड कंपनी का ऑफिस खोलकर जनता के पैसे डबल करने का लालच दिया था. 2001 तक दोनों भाई जनता के पैसे लेकर फरार हो गए थे. तलैया और शाहजहानाबाद पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर FIR दर्ज की थी. फिर भी जवाद सिद्दीकी की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो पाई थी.

गैस पीड़ितों के पैसे लेकर भी वह फरार हुआ था. आरोप है कि मुस्लिम लोगों को ठगकर लिया गया पैसा आतंकी साजिश में लगाया गया. 2 करोड़ से अधिक की ठगी आज से 24 साल पहले की गई थी. मामले में जवाद सिद्दीकी ने अग्रिम जमानत ले ली थी, जबकि उसका भाई बरी हो गया था. इस बीच, रविवार को ED ने जवाद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया. देश के अलग-अलग हिस्सों में भी उसके खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज है.

Exit mobile version