MP News (अलीराजपुर से संजय वाणी की रिपोर्ट): मध्य प्रदेश के पश्चिम सीमांत अलीराजपुर जिले के उदयगढ़ में एक ऐसी घटना घटी, जिसने हर किसी का दिल झकझोर दिया. जहां पल्लवी राजपूत उर्फ पीहू ने कलाल समाज के सिद्धार्थ बसेर उर्फ टिंकी से प्रेम विवाह कर लिया. लेकिन उसकी इस एक जिद ने पूरे परिवार की दुनिया ही बदल दी. नाराज परिवार और समाज ने बेटी को जीते जी मृत मान लिया.
‘उनके लिए पल्लवी मर चुकी है’
बाकायदा शोक पत्रिका छपवाकर पूरे समाज में बेटी के निधन की सूचना दी गई. शुक्रवार यानी 11 जुलाई को चंदन सिंह पवार के घर मातम सा माहौल था. घर, परिवार और समाज के लोग एकत्रित हुए और घर के बाहर टेंट लगाया गया. कुर्सी पर रखी पल्लवी की तस्वीर को माला पहनाई गई. छोटे भाई का मुंडन करवाया गया और जीते जी हर वह रस्म निभाई गई जो किसी के मरने के बाद की जाती है. जहां कभी बेटी की हंसी गूंजती थी, वहां अब उसकी याद में आंसू बह रहे थे.
रस्में निभाने के साथ ही पल्लवी के मामा और पिता ने भारी मन से ऐलान किया कि अब उनके लिए पल्लवी मर चुकी है, और जो भी उससे संबंध रखेगा, उनसे भी उनका कोई रिश्ता नहीं रहेगा.
क्या है पूरा मामला?
पल्लवी और सिद्धार्थ एक दूसरे को पसंद करते थे. सिद्धार्थ के परिवार ने पल्लवी के घर अपने लड़के का रिश्ता भी भेजा, लेकिन समाज की बंदिशों के चलते पल्लवी के घरवालों ने इनकार कर दिया. 3 जुलाई को पल्लवी परीक्षा देने झाबुआ गई और फिर लौटकर नहीं आई. घरवालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कुछ ही दिनों बाद पल्लवी का वीडियो मैसेज आया कि उसने सिद्धार्थ से शादी कर ली थी और अब अपने फैसले पर अडिग थी.
इस एक फैसले ने मां-बाप के 18-20 साल के लाड़-प्यार, सपनों और उम्मीदों को पल भर में तोड़ दिया. जिस बेटी को आंखों का तारा समझा, उसकी याद में अब घरवालों ने अपने दिल पर पत्थर रखकर उसे जीते जी विदा कर दिया. परिवार के लिए यह सिर्फ बेटी का जाना नहीं, बल्कि समाज में इज्जत, बाकी बेटियों के रिश्ते और अपनी पहचान का भी सवाल बन गया.
