Archana Tiwari Case: पुलिस ने अर्चना तिवारी केस की गुत्थी सुलझा ली है. 13 दिनों बाद अर्चना को नेपाल बॉर्डर से बरामद किया है. अर्चना, तेजिंदर और सारांश ने मिलकर भागने की प्लानिंग बनाई थी. इसके साथ ही तीनों ने प्लान बनाया था कि वे टोल नाकों से होकर नहीं जाएंगे. ये प्लान इसलिए बनाया क्योंकि वे कैमरे से बचना चाह रहे थे. इसके बावजूद अर्चना और तेजिंदर इटारसी रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए.
सूट पहनकर गई, साड़ी पहनकर निकली
अर्चना तिवारी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह इटारसी रेलवे स्टेशन में ट्रेन से उतरते हुए दिखाई दे रही है. बताया जा रहा है कि ये वीडियो 7 अगस्त का है. अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदले थे. ट्रेन में बोर्ड करते वक्त अर्चना ने गुलाबी रंग का सूट पहना था लेकिन ट्रेन से उतरते समय वह काली साड़ी में नजर आई. ट्रेन के B2 कोच की जगह कपड़ा बदलकर अर्चना इटारसी के प्लेटफार्म पर ट्रेन के A1 कोच से उतरी थी.
सीसीटीवी कैमरे में दोनों कैद हो गए. जहां अर्चना साड़ी के पल्लू से अपना मुंह छिपाते नजर आई तो वहीं तेजिंदर लोगों से नजरें चुराता नजर आया. इटारसी से निकलने के बाद वह शुजालपुर गई थी.
तेजिंदर ने दिए थे कपड़े
हरदा में तीनों ने 6 अगस्त को मिलकर प्लानिंग बनाई थी. तेजिंदर ने अर्चना तिवारी को नए कपड़े लाकर दिए थे. तेजिंदर के लाए कपड़े अर्चना ने ट्रेन में पहने थे. अर्चना ने ट्रेन में ही कपड़े बदले थे ताकि उसे कोई पहचान ना सके. वहीं तेजिंदर को मोबाइल और घड़ी दिया था, ताकि वह इसे ट्रेन से बाहर फेंक दे. जानबूझकर ट्रेन की सीट पर सामान छोड़कर गई थी, देखकर ऐसा लगे कि अर्चना लापता हो गई है.
‘अर्चना पर कोई केस नहीं बनता’
रेलवे एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ग्वालियर का कॉन्सटेबल राम तोमर का लगातार अर्चना को फोन करता था. उसके कॉल से परेशान थी. हालांकि अर्चना के लापता होने में राम तोमर की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने आगे बताया कि अर्चना ने कहीं भी नया मोबाइल और सिमकार्ड नहीं खरीदा था. अर्चना पर कोई भी कानूनी मामला नहीं बनता है, इसलिए कोई केस दर्ज नहीं किया गया है.
