MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपनी दुबई और स्पेन की विदेश यात्रा से आज वापस लौट आए है. इसके साथ ही प्रशासनिक सर्जरी की सुगबुगाहट तेज हो गई है. एक बार फिर मुख्यमंत्री सचिवालय से लेकर जिलों तक प्रशासनिक फेरबदल किया जाना है. मुख्यमंत्री सचिवालय से सचिव सिबी चक्रवर्ती की वापसी लगभग तय मानी जा रही है.
कई कलेक्टर, SP बदले जाएंगे
जिलों में कई कलेक्टर और एसपी ऐसे भी हैं जिन्हें एक ही स्थान पर दो से ढाई साल का समय हो चुका है. कई कलेक्टर, एसपी प्रमोट हो चुके हैं तो उनका जिलों से हटना तय है. संभागों में पदस्थ कुछ रेंज आईजी भी बदले जाने हैं. जिलों और संभागों में अफसरों का बदलाव भी किश्तों में ही होगा. इसी माह विधानसभा सत्र भी होना है इसके चलते कुछ प्रशासनिक फेरबदल विधानसभा सत्र समाप्त होंने के बाद भी हो सकता है. वहीं कुछ जिलों के कलेक्टर संभागायुक्तों और मंत्रालय में पदस्थ सचिव, प्रमुख सचिव और कुछ विभागाध्यक्षों का भी प्रस्तावित फेरबदल में नाम है. दरअसल प्रशासनिक गलियारों में पिछले दो महीनों से करीब चालीस नामों की सूची की चर्चा है लेकिन सरकार किश्तों में प्रशासनिक फेरबदल कर रही है. मंत्रालय में पदस्थ कई अफसरों की जिम्मेदारी भी बदली जा सकती है.
एक से ज्यादा प्रभार वाले अफसरों के होंगे तबादले
जिन अफसरों के पास एक से अधिक विभागों के प्रभार हैं उनके काम कुछ अन्य अफसरों को सौंपे जा सकते हैं. उज्जैन कमिश्नर संजय गुप्ता इसी माह सेवानिवृत्त होने वाले हैं. चूंकि यहां सिंहस्थ का आयोजन भी होना है और उसकी व्यापक स्तर पर तैयारियां चल रही हैं इसलिए यहां किसी प्रमोटी अफसर को कमिश्नर की जिम्मेदारी सौपी जा सकती है.
15 अगस्त से पहले होंगे तबादले
अलीराजपुर, धार, भिंड, रतलाम, शिवपुरी, गुना, रीवा, शहडोल, दमोह, जबलपुर के कलेक्टर बदले जा सकते हैं. पंद्रह अगस्त से पहले कलेक्टरों के तबादले होना तय है. इनमें से जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना को एक बार फिर राज्य स्तर पर किसी महत्वपूर्ण विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इसी तरह नक्सल प्रभावित जिलों और जिन जिलों में कानून व्यवस्था खराब बनी रहती है वहां के पुलिस अधीक्षकों को भी बदला जा सकता है. मंत्रालय में वन, वाणिज्य कर, सहकारिता, खाद्य, शिक्षा, खनिज, परिवहन, कृषि विभाग में कई अफसरों की जिम्मेदारी बदली जा सकती है.
धार जिले के SP हो चुके हैं DIG
आईपीएस अफसरों के लगातार तबादले तो रहे हैं, लेकिन ऐसे अफसरों के जिलों में विकल्प नहीं मिल पा रहे जिन्होंने अपने काम के बल पर जिलों में जबरदस्त छाप छोड़ दी है. धार जिले के एसपी मनोज कुमार सिंह एक जनवरी को डीआईजी बन चुके हैं, इसी तरह अशोक नगर के एसपी विनीत जैन भी एक जनवरी को डीआईजी बन चुके हैं. इन दोनों अफसरों को जिलों से हटा कर डीआईजी वाली जगह पर पोस्टिंग करना है, लेकिन दोनों ही अफसरों के विकल्प के रूप में किस अफसर को भेजा जाए यह तय नहीं हो पा रहा है. नर्मदापुरम पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह को तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है, उनके काम और क्राइम कंट्रोल ने पिछले कुछ सालों में जिले में जबदस्त काम हुआ है. इसे मेंटेन रखने के लिए उनके विकल्प के रूप में दूसरे अफसर का नाम तय नहीं हो पा रहा है. सतना एसपी आशुतोष गुप्ता के तबादले को लेकर भी चर्चाएं चल रही हैं. गुप्ता को तीन साल से ज्यादा का वक्त यहां पर हो गया है. भोपाल नगरीय पुलिस और इंदौर नगरीय पुलिस में डीसीपी बने कुछ अफसर भी अपना तबादला जिलों में पुलिस कप्तान के रूप में चाहते हैं.
