MP News: भोपाल के 90 डिग्री एंगल ब्रिज के मामले में मैनिट के प्रोफेसर ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. इसमें बताया गया है कि लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार पुनीत चड्ढा को जो जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग दी गई थी, उसमें ब्रिज का एंगल 90 की जगह 119 डिग्री था. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और लोक निर्माण विभाग से रिपोर्ट पर जवाब मांगा है.
हाई कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई पर उठाए सवाल
बुधवार को एमपी हाई कोर्ट की डिवीजनल बेंच में भोपाल के 90 डिग्री एंगल ब्रिज मामले में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच में मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर ने रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट देखने के बाद सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब ठेकेदार ने लोक निर्माण विभाग के निर्देशों के मुताबिक काम किया तो एक्शन क्यों लिया गया?
‘ठेकेदार को मेडल मिलना चाहिए’
उच्च न्यायालय ने सरकार के एक्शन पर तंज कसते हुए कहा कि ठेकेदार को सजा नहीं मेडल मिलना चाहिए. कोर्ट में पेश रिपोर्ट के अनुसार ब्रिज का एंगल 118 डिग्री से थोड़ा ज्यादा पाया गया. लोक निर्माण विभाग के ड्राइंग और जांच में पुल का एंगल एकसमान मिला. इसके साथ ही ये बताया गया कि ठेकेदार ने PWD के मैप के अनुसार ही निर्माण किया. सरकार ने कार्रवाई करते हुए ठेकेदार की कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया था. इस पर ठेकेदार ने उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी.
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रिपोर्ट पर सरकार से मांगा जवाब
कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग (PWD) से रिपोर्ट पर जवाब मांगा. इस पर सरकार की ओर से पेश वकील ने जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. एमपी हाई कोर्ट ने मांग को स्वीकार करते हुए 23 सितंबर की तारीख दी है, जवाब देने के लिए 12 दिनों का समय मिल गया है.
